
करीब साढ़े तीन घंटे का रहेगा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण






बीकानेर। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को होगा। इसका सूतक बारह घंटे पहले यानि 20 जून की रात से ही लागू हो जाएगा। ग्रहण के समय सूर्य चमकते कंगन के समान चमकता दिखाई देगा, इसलिए इसे कंकणाकृति ग्रहण कहा गया है। भारत में इस साल का दृश्य एक मात्र ग्रहण का पूरा विवरण दिया जा रहा है । यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण 21 जून 2020 को सम्पूर्ण भारत में खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा ।यह ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र में मिथुन राशि मंडल पर घटित होगा। इस ग्रहण की कंकणा कृति केवल उत्तरी राजस्थान, उत्तरी हरियाणा , उत्तराखंड राज्य के उत्तरी भागों से गुजरेगी । कंकण वाले क्षेत्रों में इस ग्रहण का परम ग्रास 99.4 त्न व शेष भारत में 90 के आसपास व मध्य भारत में इसका परम ग्रास 70 से 90 व दक्षिण के भागों में 30 से 70 प्रतिशत तक पाया जाएगा । भारत के अतिरिक्त पूर्वी दक्षिणी यूरोप , ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्रों , न्यू गियाना, फिजी, अधिकतर अफ्रीका , प्रशांत व हिन्द महासागर, मध्य पूर्वी एशिया अफगानिस्तान , पाकिस्तान , मध्य व दक्षिणी चीन, बर्मा, फिलीपींस में दिखाई देगा ।
भूलोक में इस कंकण ग्रहण का समय इस प्रकार होगा ।
ग्रहण प्रारम्भ :-
9 बज 16 मिंट से
कंकण प्रारम्भ :-
10 बज 18 मिंट
परम ग्रास ( मध्य ) :-
12 बज 10 मिंट
कंकण समाप्त :-
दोपहर 2 बज 02 मिंट
ग्रहण समाप्त :-
दोपहर 3 बज 4 मिंट
इस प्रकार इस ग्रहण का समय 5 घंटे 48 मिंट तक रहेगा । ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 9 बज 16 मिंट से शुरू हो जाएगा ।
भारत में इस ग्रहण को प्रत्येक शहर में अलग अलग समय पर खण्डग्रास के रूप में देखा जा सकेगा ।
प्रारम्भ मध्य समाप्ति
कोलकाता
10.46 12.35 14.16
बेंगलुरु
10.13 11.48 13.32
बीकानेर
10.11 11.49 13.37
जोधपुर
10.08 11.47 13.36
अहमदाबाद
10.04 11.42 13.32
कटक
10.38 12.26 14.09
जयपुर
10.15 11.56 13.44
मुम्बई
10.01 11.37 13.28
दिल्ली
10.20 12.01 13.48
भुनेश्वर
10.38 12.26 14.01
हैदराबाद
10.15 11.55 13.44
इंदौर
10.10 11.52 13.42
उज्जैन
10.11 11.52 13.42
गाजियाबाद
10.20 12.02 13.49
रायपुर
10.25 12.11 13.59
बनारस
10.31 12.18 14.04
हरिद्वार
10.24 12.05 13.51
लखनऊ
10.25 12.09 13.54
इस प्रकार ग्रहण के प्रारम्भ , मध्य व समाप्ति के समय दिया गया है । मुख्य शहरों का ग्रहण का प्रारम्भ व मध्य व समाप्ति के समय दिया गया है । पण्डित जितेंद्र आचार्य पंचागकर्ता व ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ग्रहण के समय अपने ईष्ट देवता या गुरु द्वारा दिया गया मंत्र या किसी भी मंत्र का जाप करे इतने लंबे समय का ग्रहण बार बार नहीं आता है । जप करने से सभी संकट समाप्त होंगे ।


