जीवनरक्षक परम्परा में एक और सोपान हासिल किया जीवनरक्षा हॉस्पिटल ने

जीवनरक्षक परम्परा में एक और सोपान हासिल किया जीवनरक्षा हॉस्पिटल ने

बीकानेर। मरीजों के जीवन की रक्षा को समर्पित और नवाचारों के हिमायती जीवनरक्षा हॉस्पिटल के ईएनटी एवं हेड एंड नेक कैंसर विभाग के चिकित्सकों ने एकबार फिर नवाचार कर दुर्लभतम प्रकार की कैंसर सर्जरी संभाग में सबसे पहले कर अपनी जीवनरक्षक परम्परा में एक और सोपान हासिल किया है।

यह मामला एक ऐसे मरीज का है जिसके बोलने की मशीन यानी (लेरिंग्स) के साथ-साथ खाने की नली के ऊपरी भाग को भी कैंसर ने पूरी तरह से प्रभावित कर दिया था। यह कैंसर सर्जरी में एक दुर्लभतम किस्म का मामला माना जाता है। इस तरह के मामलों में ऑपरेशन के बाद में रिकंस्ट्रक्शन पार्ट भी जटिल होता है अतः हमारे संभाग में ऐसे ऑपरेशन न के बराबर ही किए जाते हैं।

जीवनरक्षा हॉस्पिटल में दिखाने से पहले इस मरीज ने रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी का कोर्स ले लिया था तब भी मरीज को कैंसर से निजात नहीं मिली। डॉ. नितिन गुप्ता और डॉ. प्रवीण छिम्पा की टीम के सामने जब यह मामला आया तो इसकी जटिलता को देखते हुए उन्होंने इस ऑपरेशन को करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकों की इस समर्पित जोड़ी द्वारा लेरिंग्स के साथ-साथ फेरिंग्स (खाने की नली) को भी सफलतापूर्वक निकाला गया और रिकंस्ट्रक्शन के मुश्किल पार्ट में छाती से फ्लैप निकालकर ट्यूब पीएमएमसी द्वारा अंग को वापस बनाया गया। डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि यह बड़ी मुश्किल सर्जरी थी जिसे हमारे संभाग में पहली बार सफलतापूर्वक किया गया है वहीं डॉ प्रवीण छिंपा से बात करने पर हमें यह जानकारी मिली कि इन दोनों डॉक्टरों की जोड़ी ने पिछले 5 साल में कुल 1024 मेजर कैंसर सर्जरी में लोगों को जीवन दान देकर सफलता प्राप्त की है।

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