जाम्भाणी साहित्य अकादमी ने सेना और सेनानी विषय पर वेबिनार आयोजित, सैन्य अधिकारियों ने साझा किए अनुभव - Khulasa Online जाम्भाणी साहित्य अकादमी ने सेना और सेनानी विषय पर वेबिनार आयोजित, सैन्य अधिकारियों ने साझा किए अनुभव - Khulasa Online

जाम्भाणी साहित्य अकादमी ने सेना और सेनानी विषय पर वेबिनार आयोजित, सैन्य अधिकारियों ने साझा किए अनुभव

बीकानेर. जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर द्वारा जाम्भाणी साहित्य संवाद श्रंखला का 53 वां एपिसोड 24 अप्रैल 2022 को ज़ूम पर ऑनलाइन आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम के संचालक जाम्भाणी साहित्य अकादमी के कोषाध्यक्ष इंजीनियर आर के बिश्नोई ने बताया कि जाम्भाणी साहित्य अकादमी विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों के साथ संवाद स्थापित कर इस तरह के आयोजन समाज हित में करवाती रहती है ताकि समाज को फायदा हो और गुरु जाम्भोजी की मानवतावादी शिक्षाओं का प्रचार प्रसार होता रहे। गुरू जांभोजी के सिंद्धान्त हृदय नाम विष्णु को जपो हाथे करो टवाई का पालन करते हुए अकादमी इस तरह के कार्यक्रम करवाती रहती हैए जिससे समाज के युवाओं को सत्कर्म करते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा और मार्गदर्शन मिले। इसी कड़ी में सेना और सिनानी . देश धर्म के सजग प्रहरी विषय पर यह कार्यक्रम रखा गया ताकि समाज के सफल सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को एक मंच पर लाकर उनके ज्ञान औऱ अनुभव को सुना जाये ताकि सेवारत और सेना में जाने के इच्छुक युवा औऱ उनके माता पिता को सेना और सैनिक के बारे में अधिक जानकारी मिल सके और कैरियर के लिये उत्तम इस क्षेत्र को जॉइन करने में मदद मिल सके। समाज के सेवानिवृत अधिकारियों को भी समाज के साथ जुड़ने का एक मौका मिल सके और वो अपने अर्जित ज्ञान और अनुभव से समाज को लाभ पहुंचा सके।
कर्नल सज्जन डेलू ने अकादमी और आयोजकों तथा सभी अतिथियोंए वक्ताओंए श्रोताओं का स्वागत किया। संचालक आर के बिश्नोई ने सभी अतिथियोंए वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय दिया। मुम्बई से 2 बार सेना मैडल से अलंकृत कर्नल डीके बिश्नोई ने बताया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो गरीबी या संसाधनों के अभाव हमे ऊपर उठने से रोक नहीं सकते है। उंन्होने सफलता के लिये शार्ट कट की बजाय सही रास्ता अपनाने की सलाह दी।
देहरादून से एयर कोमोडोर राजेन्द्र सिंह बिश्नोई ;अति विशिष्ट सेवा मैडलद्ध ने समाज के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुदर्शन बिश्नोई ;फ्लाइंग इंस्ट्रक्टरद्ध को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए बताया कि उन्होंने अपने ट्रेनी पायलेट की जान बचाने के लिये अपना जीवन बलिदान किया। श्री राजेन्द्र सिंह ने बीकानेर में श्री सुदर्शन जी बिश्नोई के नाम की प्लेट लगने का सुझाव दिया। उन्होने बताया कि उन्हें बहुत खुशी मिलती है जब बिश्नोई युवा सेना को जॉइन करते है। जब बिश्नोई वन्य जीवों और पेड़ों की रक्षा के लिये अपनी जान कुर्बान कर सकते है तो फिर सेना की नोकरी तो बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। उन्होंने बताया कि सेना में रहकर भी शाकाहारी रहा जा सकता हैए नियमो का पालन आसानी से किया जा सकता है।
महामहिम राष्ट्रपति महोदय से सम्मान प्राप्त मेजर सुमन बिश्नोई ने बताया कि लड़कियोंए महिलाओं के लिये सेना में सेवा के बहुत सारे अवसर है और इसमें बहुत आसानी से वो सेवा दे सकती हैए इसलिये मातापिता को अपनी बेटियों को इस क्षेत्र में जाने के लिये अवश्य प्रेरित करना चाहिए और सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आर्मी में जब सहकर्मियों को बिश्नोई का पता चलता है तो वे उन्हें बहुत सम्मान देते है और सेना में रहकर भी बिश्नोई पंथ के नियमों का पालन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हमारी बेटियां किसी भी तरह से कम नही है और शारिरिकए मानसिक रूप से सेना में जाने के लिये योग्य और सक्षम हैए बस उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसी लिये आपने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत आपने अन्य जवानों के साथ मोटरसाईकल से हजारों किलोमीटर की यात्रा की।

1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध के हीरोए दो बार वीर चक्र से सम्मानित और आजके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एयर वाईस मार्शल बीके बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई बच्चों में शारीरिक और मानसिक क्षमताए दृढ़ताए लीडरशीपए निडरता के गुण होने की वजह से सेना में जाने के लिये सबसे उपयुक्त है। देश सेवा के लिये यह सबसे अच्छा क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि महिला फाइटर पायलट उतना ही अच्छा कार्य कर सकती है जितना पुरूष पायलेट। बीके बिश्नोई ने बताया कि सैन्य सेवा में रहकर भी कोई भी अपने धर्म का पालन कर सकता है। हमें बाहर निकलने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करना चाहिएए अपने आप पर भरोसा रखना चाहिएए उंगली पकड़कर चलने की आदत छोड़नी होगी। उन्होंने आगे बताया कि सेना में तनख्वाह बहुत अच्छी हैए पेंशन उससे भी बढिया हैए सम्मान मिलता हैए सेवानिवृत्ति के बाद भी नोकरियों में सैनिकों को ही प्राथमिकता दी जाती है।
कर्नल जगदीश बिश्नोई ने बताया कि एक साधारण किसान परिवार से होते हुए भी उनके पिताजी ने उन्हेंए पैसे खर्च करकेए तैयारी करवाकर कुंजपुरा सैनिक स्कूल भेजा। उन्होंने भी बताया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो संसाधनों की कमी आड़े नहीं आती है। आपने बताया कि गुरु जाम्भोजी की शिक्षाएं एसादा जीवनए मेहनतए शाकाहारए उच्च शिक्षा और सकारात्मक विचार जीवन में बहुत काम आते है।
भारतीय वायु सेना में स्कवॉड्रन लीडर विजय बेनीवाल लॉजिस्टिक ऑफीसर ने बताया कि बचपन से ही उनकी और माता पिता की इच्छा थी कि वह भारतीय वायु सेना में जाये। आपने भी बताया कि सेना में रहते हुए भी हम अपने धर्म नियमों का आसानी से पालन कर सकते है। आपने वायु सेना में भर्ती होने के विभिन्न भागों में सभी तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। कर्नल गंगाराम धारणियां ने बताया कि उनकी सेना की नोकरी से प्रभावित होकर उनके परिवार में 8 लोग सेना में गए। आपने बताया कि सेना की नोकरी पूरे परिवार की दशा और दिशा बदल सकती हैएइसलिये वो आज भी युवाओं को सेना में जाने के लिये मार्गदर्शन और प्रेरित करते रहे है।
कर्नल ओमप्रकाश गोदाराए बंगलोर ने बताया कि हमारे बच्चों में बहुत प्रतिभा है लेकिन उन्हें मार्गदर्शनए प्रोत्साहन और मदद नहीं मिलने से वो पीछे रह जाते है। उन्होंने बताया कि मनोविज्ञान टेस्ट मे पास होना बहुत जरूरी होता है जिसमें आत्मविश्वास को जांचा जाता हैए उसके लिये बच्चों को हर जिले में तैयारी कराने की सुविधाएं होनी चाहिए। आपने बताया कि हमारे बच्चों में देश भक्ति का जज्बा होता हैएबहुत टेलेंट और क्षमता होती हैए लेकिन सही दिशा निर्देशए अच्छी संगतिए सकारात्मक और ऊर्जावान वातावरण की बहुत आवश्यकता होती है। इसमें सेवानिवृत सैन्य अफसरों को अवश्य मदद करनी चाहिये। संचालक आर के बिश्नोई ने बताया कि सेना या अन्य विभागों से सेवानिवृत अधिकारियों को सामाजिकए धार्मिक आयोजनों में आते रहना चाहिएए समाज की मुख्य धारा से जुड़े रहना चाहिए ताकि उनसे प्रेरणा और मार्गदर्शन लेकर युवा भी नोकरी पा सकेंए उच्च पदों पर जा सकें।
कर्नल के एल बिश्नोई ने बताया कि उनके गांव के कर्नल ओमप्रकाश गोदारा को आर्मी वर्दी में देखकर ही वो मोटीवेट हुए। आपने बताया कि एनसीसी भी सेनाए पुलिस की सर्विस पाने में बहुत सहायक होती है। विंग कमांडर डीआर बेनीवाल ने बताया कि वो एक मजदूर किसान परिवार में जन्म लेने के बाद भी इच्छा शक्तिए मेहनत और लगन से एमबीबीएस करके वायु सेना में डॉक्टर के रूप में चयनित होकर विंगकमांडर बने और फिर एमडी भी की।आपने बताया कि सेना में जाने की तैयारी करने से पहले अपना मेडीकल टेस्ट अवश्य करवा लेना चाहिए। आपने भी बताया कि मेडिकल फील्ड वालों के लिए भी सेना में बहुत स्कोप हैए बहुत सुविधाएं हैए सुरक्षा है।
कर्नल राजसिंह बिश्नोई सीनियर एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर नेशनल स्पोर्ट्स इस्टीट्यूट पटियाला ने बताया कि गुरु जांभोजी की शिक्षाएं ही हमारे समाज की ताकत हैए बिश्नोई समाज के युवा स्पोर्ट्स में बहुत आगे तक जा सकते हैए क्योंकि उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता ए खानपानए दृढ़ निश्चयए टेलेंटए लीडरशिप के गुण अधिक होते है। इन्ही गुणों की वजह से वो सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं कोच के लिये भी उपयुक्त होते है और अच्छा नाम कमा सकते है। उन्होंने भारत सरकार के स्पोर्ट्स इंस्टीटूट द्वारा शुरू की गई स्कीमों के बारे में बताया जिनका फायदा उठाकर बच्चे अच्छे खिलाड़ी और कोच बन सकते है और अच्छी नोकरी भी पा सकते है।
आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेजर जनरल डॉ प्रीतम बिश्नोई ;विशिष्ट सेवा मेडलद्ध ने सभी वक्ताओं के वक्तव्य का सारांश बताते हुए बताया कि युवा पीढ़ी को हर मैदान में अपना शत प्रतिशत प्रयास देना चाहिएए किसी भी प्रतिस्पर्धा से घबराना नहीं चाहिएए आज के समय युवाओं और लड़कियों के लिये पास के शहरों में रहनेए कोचिंग कीए इंटरनेट इत्यादि की बहुत सुविधाएं हैए उनका सदुपयोग करना चाहिए। आपने युवाओं का आव्हान किया कि नशों से दूर रहेंए अच्छी संगत में रहेंए समय का सदुपयोग करें। आपने बताया कि गुरु जाम्भोजी द्वारा बताए नियम ओर शिक्षाएंए अच्छे संस्कारए बड़ों का आदरए सफल जीवन में सहायक सिद्ध होते है। मेजर जनरल प्रीतम जी बिश्नोई जी ने बताया कि समय और धन का सदुपयोग करना बहुत आवश्यक है। आज का युवा सोशल मीडिया पर बहुत समय बिताता हैएइसलिये इसके दुरुपयोग से बचना चाहिए। हमारे समाज ने पर्यावरण और जीव रक्षा के लिये बलिदान किया हैए जिसकी वजह से लोग हमें सम्मान देते है।
आपने बताया कि युवाओं को सुबह पांच बजे उठकरए नहाकरए अपना कार्य स्वयं करकेए एक घण्टा पढ़नेए एक घण्टा लिखनेए और आधा घण्टा पब्लिक स्पीकिंग का अभ्यास करना चाहिए ताकि उनके व्यक्तित्व में निखार आये और उन्हें सफलता मिले। सेवानिवृत्ति के बाद माता पिता का जीवन तभी सफल माना जाता है जब उनका स्वास्थ्य ठीक हो और बच्चे कामयाब और खुश हो। इस सफलताए स्वास्थ्य और खुशी का राज 29 नियमो में ही छिपा हुआ है। मेजर जेनरल प्रीतम बिश्नोई ने बताया कि एयर वाईस मार्शल बीके बिश्नोई जी ने अपने हाथों से लगभग 1000 पेज लिखे हुए हैए जिन्हें एक पुस्तक का रूप देकर छपवाना चाहिए। वो उन व्यक्तियों में से मुख्य है जिनकी वीरता और सूझबूझ से 1971 की लड़ाई को जीत में बदला। उस पुस्तक पर एक फ़िल्म भी बना सकते है और उनको बिश्नोई रत्न से नवाजा जाना चाहिए।
धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सूबेदार केहरा राम ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी मेहमानोंएवक्ताओंए श्रोताओंए दर्शकों ए अकादमी के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। आपने बताया कि जांभोजी की वाणी के अनुसार इस कार्यक्रम में सेना के विभिन्न विभागों से चुन चुन कर मोती इकठ्ठे किए हैए जिससे समाज के युवा फायदा उठा सकते है। आपने अकादमी को धन्यवाद औऱ सुझाव दिया कि समाज को जोड़ने वाले और ज्ञान और अनुभव साझा करने वाले ऐसे कार्यक्रम करते रहना चाहिए।
जाम्भाणी साहित्य अकादमी के प्रवक्ता और संवाद श्रृंखला के संयोजक विनोद जम्भदास ने अकादमी के अध्यक्ष आचार्य कृषणानंदए कार्यकारी अध्यक्ष डॉ बनवारी लाल साहूए महासचिव डॉ सुरेंद्र खिचड़ और अन्य सभी का धन्यवाद करते हुए एयर वाईस मार्शल बीके बिश्नोई जी वीर चक्र ;2 बारद्ध द्वारा लिखे पन्नो को पुस्तक का रूप देने पर सहमति व्यक्त कीए उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आज के कार्यक्रम के विषय सेना और सिनानी ;बिश्नोईद्ध. देश धर्म के सजग प्रहरी विषय पर भी एक पुस्तक प्रकाशित होनी चाहिए जिसमें बिश्नोई समाज के सभी सैन्य अधिकारियों का इतिहासए जीवन परिचय लिखा हो। ताकि आने वाली पीढियां उनसेए उनके कार्यों से ए उपलब्धियों से प्रेरणा ले सके।
संचालक आर के बिश्नोई ने अकादमी के तकनीकी प्रबंधक डॉ लालचन्द बिश्नोईए आज के कोहोस्ट विकास बिश्नोई और सभी को ही पुन: धन्यवाद दिया।

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