
राजस्थान में जाटो का दबदबा, लोकसभा में हर जगह प्रभावित हुई इस जाति की नारजगी






राजस्थान में जाटो का दबदबा, लोकसभा में हर जगह प्रभावित हुई इस जाति की नारजगी
खुलासा न्यूज़ बीकानेर। लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार नतीजे चौंकाने वाले रहे जहां पर भाजपा 400 सीटों की बात कर रही थी और लगभग एग्जिट पोल के आंकड़ों में यह लग रहा था कि 350 सीट भाजपा यहां पर अपनी झोली में डाल लगी । लेकिन आज आए परिणामों में सबको चौंका दिया बात अगर राजस्थान की जाए तो यहां से इस बार एक बात तो साफ हो गई कि भाजपा को जाटों की नाराजगी का सामना करना पड़ा जिसके कारण बाड़मेर सीट, गंगानगर सीट, नागौर सीट , चूरू ,सीकर, झुंझुनू ,भरतपुर जैसी सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। राहुल कस्वा एक टिकट काटना भाजपा के लिए बहुत महंगा साबित हुआ इस एक सीट की वजह से पूरे जाट समाज ने भाजपा का विरोध करना शुरू कर दिया धीरे-धीरे यह चूरू से होते हुए गंगानगर ,बाड़मेर, नागौर, आसपास के सभी सीटों पर प्रभाव डालते हुए बीकानेर को इससे भी अछूता नहीं छोड़ा यहां पर मंत्री मेघवाल पिछली बार जहां लगभग 3 लाख वोटो से जीत दर्ज की थी वहीं जाटों की नाराजगी की वजह से यह सीट 50000 वोटो पर जीत के साथ सिमट कर रह गई। अब बात अगर राजस्थान से बाहर भी बात करें तो कहीं ना कही जाटो की नाराजगी एक बड़ा फैक्टर रहा था । जाटो के कारण भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ और यूपी में भी कुछ जाट बाहुल्य क्षेत्र थे वहां पर भी भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ा इस लोकसभा चुनाव में राजस्थान के रण में जाटों का कद बढ़ा दिया है क्योंकि यहां पर सभी सीटों पर निर्णायक रूप में जाट वोट बैंक हावी रहा । अगर हम पिछली बार चुनाव की बात करें तो यही जाट समाज बीजेपी के साथ था जिसकी वजह से भाजपा के कई कैंडिडेट लगभग 3 लाख के आसपास वोटो से जीत दर्ज की थी। इस बार वही जीत घटकर हार में बदल गई आगे इस रण में क्या होगा लेकिन फिलहाल इस चुनाव के बाद जाटों का भविष्य राजस्थान में कुछ अच्छा ही होगा।


