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सरकार नहीं बल्कि हमें अपने बच्चों को संस्कारित करना होगा-देवेन्द्र प्रकाश

सरकार नहीं बल्कि हमें अपने बच्चों को संस्कारित करना होगा-देवेन्द्र प्रकाश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीकानेर महानगर की प्रमुख जन संगोष्ठी आयोजित

बीकानेर। कोई भी सरकार हमारे बच्चों को संस्कार नहीं दे सकती। यदि हमें अपने बच्चों को सुसभ्य नागरिक व चरित्रवान बनाना है तो हमें ही अपने बच्चों को संस्कार देने होंगे। अच्छे संस्कारों से पलने से ही बच्चे आगे चलकर देश के चरित्रवान नागरिक बनेंगे और जिस देश का युवा चरित्रवान होगा तो फिर देश भी चरित्रवान हो जाएगा। ये उदगार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत के धर्म जागरण गतिविधि प्रकल्प के प्रांत प्रमुख देवेन्द्र प्रकाश ने व्यक्त किए। वे रविवार को यहां धरणीधर सभागार में आरएसएस के बीकानेर महानगर की ओर से आयोजित प्रमुख जन संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे।

देवेन्द्र प्रकाश ने कहा कि हमारा हिन्दू धर्म विश्व का इकलौता ऐसा धर्म है जो कहता है कि प्राणियों में सदभावना हो, विश्व का कल्याण हो मगर अब इस नारे से समाज व देश नहीं सुधरेगा बल्कि हमें अपने आचरण में इन नारों को अपनाना होगा। जब तक हम आनी वाली पीढ़ी को इन नारों के महत्व को नहीं समझाएंगे और उन्हें व्यवहार में हिन्दू नही बनाएंगे तब तक समाज में न तो सदभावना आएगी और न ही सामाजिक समरसता। देवेन्द्र प्रकाश ने कहा कि इस देश में केवल हिन्दू समाज को ही जागना होगा और उन्हें यह केवल समाज के लिए नहीं बल्कि देश के लिए काम करना होगा क्योंकि भारत हिन्दू राष्ट है अब केवल हमें हिन्दू राष्ट को अपने आचरण में अपनाना होगा।

उन्होंने पौराणिक काल की परम्पराओं की व्याख्यात करते हुए बताया कि हमारे महापुरूष शुरू से कहते आए है कि जड चेतन एक ही आत्मा है। पत्थर में हम भगवान को देखते हैं जो जड है मगर इंसान मे नहीं देखते। जबकि इंसान भी भगवान का ही रूप है। सबमें ईश्वर का अंश है इसलिए हमें छुआछूत व भेदभाव हटाकर वापिस सामाजिक समरसता को अपनाना होगा तभी हम हिन्दू संगठित हो पाएंगे। इससे पहले बीकानेर महानगर संघचालक कन्हैयालाल पांडे ने जन संगोष्ठी की भूमिका पर बात रखी। मंच पर सह संघचालक दुर्गाशंकर हर्ष भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में लक्ष्मीनाथ नगर के संघचालक ब्रह्मदत्त आचार्य तथा गंगाशहर संघचालक डा. जतन बाफना सहित अनेक वरिष्ठ व युवा स्वयंसवेक मौजूद थे।

ऐसे बनेगा देश शक्तिशाली

देवेन्द्र प्रकाश ने अपनी बात को और अधिक पुष्ट करने के लिए समझाया कि कोई भी देश सामरिक दृष्टि से हथियारों से लैस, सुसज्जित सेना या सैन्य उप्रकरणों से शक्तिशाली नहीं बनता बल्कि यदि उसके नागरिक देशप्रेमी है और देशभक्त है और उनके मन में देश प्रथम की भावना है तो वह देश फिर बाह्य और आंतरिक दोनों दृष्टि से मजबूत हो जाता है। हमें शरीर की की भांति देश की देखभाल करनी होगी और संस्कारों के साथ और हमारे महापुरूषों के बताए मार्ग पर एकजुट होकर इस देश की सरंचना करनी होगी। केवल हिन्दू धर्म को आचरण में उतारने पर ही देश संगठित होगा और मजबूत होगा।

खुली चर्चा में आमजन ने भी भाग लिया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जन संगोष्ठी में खुली चर्चा भी हुई जिसमें आमजन ने भी अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाएं शांत की। इस दौरान डा. महेशचन्द्र दाधिच, अरविंद पारीक, सीए अंकुश चोपड़ा, पत्रकार प्रमोद आचार्य व सुमित शर्मा तथा योगेन्द्र शर्मा आदि ने भी विचार रखे और अनेक मुद्दों पर खुलकर बात रखी जिसका देवेन्द्र प्रकाश ने एक-एक कर जवाब भी दिया। इस खुली चर्चा में मातृशक्ति व वयोवृद्ध स्वयंसेवकों ने भी सवालात किए। खुली चर्चा में देश प्रथम की भावना विकसित करने, नशावृत्ति में युवा पीढ़ी के जकड़ने, संघ को मीडिया फ्रेंडली होने, सामाजिक समरसता की दिशा में काम करने, राजनीति में बढ़ते भाई भतीजावाद जैसे विषयों पर खुली चर्चा हुई।

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