आईपीएल की चौसर बिछी, चुनाव के कारण सटोरियों के वारे न्यारे, जमकर लग रहा है करोड़ों का सट्टा, पुलिस की मुखबिर कमजोर

आईपीएल की चौसर बिछी, चुनाव के कारण सटोरियों के वारे न्यारे, जमकर लग रहा है करोड़ों का सट्टा, पुलिस की मुखबिर कमजोर

बीकानेर।(शिव भादाणी)। भारत की सबसे बड़ी घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता आईपीएल 20-20 की चौसर शुरु हो चुकी है स्टोरियों ने अपने अड्डों पर तामझाम करके बैठे है। बॉलिंग से लेकर चौके-छक्के यहां तक कि हर एक रन पर भी दांव लग रहे है। अकेले बीकानेर जिले में आईपीएल के हर मैच पर करोड़ों रुपए का सट्टा लगेगा।
यहां-यहां सट्टे की पकड़ वैसे से जिलेभर में आईपीएल के मैचों पर सट्टा होता है लेकिन बीकानेर शहर में कोटगेट, गंगाशहर, कोतवाली, मोहता चौक, बागीनाड़ा हनुमान मंदिर, नत्थुसर गेट, जस्सूसर गेट,गोपेश्वर बस्ती, जेएनवीसी व बीछवाल और ग्रामीण क्षेत्र के नोखा, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरनसर, जामसर, पांचू, खाजूवाला, छतरगढ़ व महाजन थाना क्षेत्र में बेधडक़ सट्टा होता है।
सोई पुलिस को जगाए कौन
क्रिकेट सट्टे को लेकर बीकानेर पहले से बदनाम है। सटोरियों ने अपनी जाजम बिछा ली।
आईपीएल का महाकुंभ 52 दिन चलेगा। इन 52 दिनों में 74 मैच होंगे। इस में सीजन में बीकानेर में करीब तीन से चार अरब के दांव लगेंगे।
इस बार स्टोरिये बेफिक्र
सूत्रों की मानें तो इस बार स्टोरिये बेफिक्र हैं। एक बड़े सटोरिये के मुताबिक क्रिकेट की तरह सट्टा करने के लिए बेहतर फ़ील्डिंग सजा ली है। वहीं पुलिस हर बार की तरह केवल सट्टा नहीं होने देने के दावे कर रही है। पिछले साल आईपीएल में पुलिस ने महज कुछ कार्रवाई की लेकिन इनमें भी किसी बड़े सटोरिये को नहीं पकड़ा था।
क्रिकेट सट्टे का बड़ा नेटवर्क रहा है बीकानेर में, देश-विदेश में यहां के सटोरियों के संबंध
आईपीएल शुरू हुए करीब एक माह होने को है और इस बार क्रिकेट सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पुलिस के हाथ पूरी तरह खाली हैं।आईपीएल शुरू होने से पू्र्व पुलिस अधिकारियों ने एसएचओ को सटोरियों पर निगरानी रखने के लिए कहा था, लेकिन अब तक पुलिस क्रिकेट सट्टे के खिलाफ एक दो कार्रवाई ही कर पाई है। बीकानेर में क्रिकेट सटोरियों का बड़ा नेटवर्क रहा है जिनके तार मुंबई, दिल्ली, कोलकाता में ही नहीं विदेशों से भी जुड़े रहते हैं। सटोरिये आईपीएल शुरू होने से पहले ही अपनी बिसात जमा लेते हैं और क्रिकेट मैच शुरू होने पर करोड़ों का सट्टा करते हैं।
हर बार देखते है सुरक्षित स्थान
पुलिस की शुरुआती कड़ाई के कारण सटोरियों हर साल अपना स्थान बदलते रहते है जिससे की पुलिस इन तक पहुंचने में नाकाम है।
क्रिकेट सट्टे को लेकर पुलिस हर दिन एक्शन मोड में रहती है बड़े बड़े दावे करती नजर आती है कि सट्टा हर हाल में नहीं होने देंगे। जिस थाना क्षेत्र में सट्टा चलेगा और थाना पुलिस कार्रवाई नहीं करती, स्पेशल या डीएसटी कार्रवाई करती है तो संबंधित थानाप्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सट्टे पर अंकुश के लिए हरेक जिले में एएसपी और सीओ स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी पुलिस रेंज के आईजी दावे करते है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।
सटोरियों की जगह हुई हाईटेक
अब सटोरियां पुलिस की पकड़े से बहुत दूर हो चुके है। यह जिस जगह से सट्टा लिखता है तो वहां पूरा गलियों से लेकर कमरों तक सीसीटीवी कैमरों व अन्य साधानों से पुलिस का पूरा ध्यान रखते है। इससे भी हाइटेेक है सटोरियों की पकड़ थाने के कांस्टेबल से अधिकारी तक जान पहंचान होना जिससे वो पुलिस की रंग में दिखते है।
शहर के इन इलाकों में सटोरियों की भरमार
अगर देखा जाये तो देश में फलौदी के बाद सबसे बड़ा हब सट्टा का बीकानेर है जहां बारिश से लेकर क्रिकेट के मैचों तक के सट्टे होते है। नत्थुसर गेट, जस्सूसर गेट, घड़सीसर रोड, मोहता चौक, बड़ा बाजार, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, तेलीवाड़ा सहित कई ऐसा इलाके जहां पर बडे बड़े सटेबाज रहत है।

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