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अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस : पढऩे-लिखने के साथ होना होगा जागरूक – डॉ. अर्पिता 

बीकानेर। अशिक्षा को समाप्त करने के संकल्प के साथ “अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस” पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विचार मंच के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकल्प द्वारा भगवानपुरा बस्ती में बच्चों व महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक किया।

संस्थान की जिलाअध्यक्ष डॉ. अर्पिता गुप्ता ने कहा कि साक्षरता का मतलब केवल पढऩा-लिखना या शिक्षित होना ही नहीं है, यह लोगों के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार भी है। समाजसेवी रमेश सियोता ने कहा की शिक्षा इंसान के सर्वांगीण विकास के लिए अहम है यह समाज और देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की बुनियाद है। कोषाध्यक्ष नीति शर्मा ने बच्चों व महिलाओं को अंग्रेजी व हिंदी भाषा के मूलभूत पाठ समझाए वहीं संगठन मंत्री स्मिता अग्रवाल ने गणित संबंधित ज्ञान दिया। कार्यालय सचिव बेला जैन ने महिलाओं व बच्चों को समझाया कि अपने कर्तव्यों को समझने व अधिकारों को जानने के लिए साक्षर होना कितना आवश्यक है।

वहां उपस्थित सभी जनों को संस्था द्वारा कॉपी, किताबें व स्टेशनरी इत्यादि उपलब्ध करवाई गई तथा डॉ गुप्ता द्वारा सभी को आश्वस्त किया कि संस्था द्वारा आगे भी समय-समय पर ऐसी कक्षाएं लगाई जाएंगी और अगर किसी विषय वस्तु से संबंधित उन्हें कोई जानकारी चाहिए तो वह कार्यालय आकर भी मिल सकते हैं। कार्यक्रम का आयोजन ज्योति गिरी के सहयोग से सफलतापूर्वक हो सका।

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