
डम्पिंग यार्ड पहुंचाने के बजाय कचरे को कचरा पात्र मे जला देते हैं






पाली। स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए नगर परिषद की ओर से कचरा पात्रों में स्पीकर लगाकर स्वच्छ पाली, सुंदर पाली का संदेश दिया जाता है। लोगों को स्वच्छता रखने के लिए रैलियां भी निकाली जाती है, लेकिन खुद उसके कर्मचारी इससे कोई सरोकार नहीं रखते है। शहर में बनाए गए कचरा स्टैण्डों में कचरा बाहर ही बिखरा रहता है। वहां से कचरा एकत्रित कर डम्पिंग यार्ड में पहुंचाने की जहमत भी सफाईकर्मी नहीं उठाते हैं। वे कचरा पात्र के भरते ही उसमें आग लगा देते हैं। कई जगह पर तो उनके पास खड़े दुपहिया व चौपहिया वाहनों को भी दिरकिनार कर आग लगाते हैं। ऐसे में वहां से उठने वाली एक चिंगारी बड़े हादसे का कारण भी बन सकती है। गनीमत रही आग की लपटें नहीं पहुंची शहर के कचरा एकत्रित करने की व्यवस्था को लेकर पत्रिका टीम ने जब शहर का दौरा किया तो हकीकत सामने आई। टीम जब दिन के समय बांगड़ अस्पताल के मुख्य द्वार के पास पहुंची तो वहां रखे लोहे के कचरा पात्र से धुआं निकल रहा था। उसके पास ही एक कार भी खड़ी थी। विधि कॉलेज के पास ट्रांसफार्मर के निकट ही लोहे के कचरा पात्र में धुआं निकल रहा था। गनीमत है कि ट्रासंफार्मर तक आग की लपटें नहीं पहुंची। धधक रही थी आग शहर के अम्बेडकर सर्कल के पास रखे गए कचरा पात्र में धुआं उठ रहा था। ऐसी ही स्थिति पुराना बस स्टैण्ड पर बने मुख्य डाकघर के बाहर भी रही। इसके बाद मिल गेट की तरफ जाने पर वहां ओवरब्रिज के पास दुकानों से सटाकर रखे गए कचरा पात्र में आग की लपटे उठ रही थी। धुआं भी फैल रहा था। ऐसी ही स्थिति शहर के अन्य जगहों पर भी नजर आई। ऐसा करने से वायु प्रदूषण फैलने के साथ आग लगने का भी खतरा रहता है।


