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अवैध हथियारों को लेकर इंस्पेक्टर ने बरती लापरवाही, डीजी ने 16 सीसी को चार्जशीट सौपी

अवैध हथियारों को लेकर इंस्पेक्टर ने बरती लापरवाही, डीजी ने 16 सीसी को चार्जशीट सौपी
बीकानेर 8 साल पहले नयाशहर पुलिस थाने में दर्ज हुए नागालैंड से बने अवैध हथियार लाइसेंस मामले की जांच में लापरवाही बरतीगई थी। डीजी ने मामले की जांच करने वाले एक इंस्पेक्टर को गंभीर लापरवाही बरतने पर 16 सीसी की चार्जशीट दी है।
पुलिस परामर्श एवं सहायता केन्द्र के तत्कालीन एएसपी सुरेन्द्र सिंह शेखावत की रिपोर्ट पर 23 अक्टूबर, 17 को नयाशहर पुलिसथाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि बीकानेर जिले में लोगों ने नागालैंड के जिलों से फर्जी तरीके सेअवैध हथियार लाइसेंस हासिल किए और उसके आधार पर राजस्थान में हथियार खरीद लिए। पांच नामजद सहित 84 आरोपियों की लिस्ट तैयार की गई थी। इनमें हिस्ट्रीशीटर, आदतन अपराधी, भूमाफिया और रसूखदार लोग भी शामिल थे। जिले के इसबहुचर्चित मामले में कई अनुसंधान अधिकारियों ने जांच की। 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस मुख्यालय नेमाना है कि इस गंभीर मामले की जांच में लापरवाही बरती गई। चिह्नित आरोपियों से सही पूछताछ नहीं की गई जिससे उनकेखिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाई। डीजी ने अनुसंधान अधिकारी और तत्कालीन नयाशहर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर गोविन्द सिंहचारण की ओर से की गई जांच में लापरवाही मानते हुए उन्हें 16 सीसी की चार्जशीट थमाई है।गोविन्द सिंह बीछवाल पुलिस थाने में एसएचओ थे। एसपी कावेन्द्र सिंह सागर की ओर से 8 नवंबर को जारी की लिस्ट में उन्हेंबीछवाल थाने से हटाकर डीएसबी प्रभारी लगा दिया था। माना जा रहा है कि चार्जशीट मिलने के कारण उन्हें थाने से हटाया गया।गौरतलब है कि नागालैंड से अवैध हथियार लाइसेंस बनवाकर राजस्थान में खरीद करने के मामले की फाइल एसओजी के पास पहुंची थी। जांच-पड़ताल में अनेक खामियां मानी गईं।दीमापुर, जुन्हेबुटो और वोखा से बने थे अवैध हथियार लाइसेंस बीकानेर के लोगों ने नागालैंड में दीमापुर, जुन्हेबोटो और वोखाजिलों से फर्जी तरीके से अवैध हथियार लाइसेंस बनाए थे। पुलिस ने 84 आरोपियों को चिह्नित किया था, लेकिन माना गया कि लाइसेंस बनवाने लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। आरोपियों ने दलालों के जरिये नागालैंड के जिलों में रिटेनरशिप के आधार पर अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजात तैयार किए और फर्जी हथियार लाइसेंस जारी करवा लिए थे। राजस्थान में शस्त्र विक्रेताओं से हथियार भी खरीद लिए थे। बाद में जब मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने जांच शुरू की तो लाइसेंस बनवाने वालों में हडक़ंप मच गया। पुलिस ने गिरफ्तारियां शुरू कर हथियार जब्त किए तो ज्यादातर आरोपियों ने वापस जाकर नागालैंड में लाइसेंस जमा करा दिए। कुछ कोर्ट की शरण में भी पहुंचे और गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया।

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