
शहर के इस गेट से शिलालेख गायब, मामला दर्ज





बीकानेर। बीकानेर में गोगागेट के मुख्य दरवाजे के अंदर लगा ऐतिहासिक महत्व का शिलालेख गायब हो गया है। इसे लेकर कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
बीकानेर शहर के परकोटे में बने 5 दरवाजों में से एक प्रमुख दरवाजा है रहा है। इसका नाम पूर्व में दिल्ली दरवाजा हुआ करता था ऐसा बताया जाता है। लोग कहते हैं कि इस रास्ते की ओर से दिल्ली जाया जाता था इस कारण इसका नाम दिल्ली दरवाजा पड़ा। ज्यों-ज्यों समय बीतता गया लोगों ने लोक देवता गोगाजी के नाम पर इस गेट का नाम गोगा गेट रख दिया । इस लिहाज से इस दरवाजे पर लगे शिलालेख का अपना महत्वपूर्ण स्थान है।
पुलिस के अनुसार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सर्किल अधीक्षक महेन्द्र कुमार निम्हल की ओर से इस संबंध में मामला दर्ज कराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, गोगागेट के मुख्य दरवाजे के के संरक्षण एवं जीर्णोदधार का काम मोहम्मद अकरम, मैसर्स को. इन्ना हाउस मोहल्ला व्यापारियान के माध्यम से कराया गया था। तब गोगागेट पर बीकानेर महाराजा जोरावर सिंह दवारा गोगागेट के निर्माण संबंधी एक शिलालेख लगा हुआ था, जो 28 जनवरी 2022 को संरक्षित गेटों के निरीक्षण के दौरान दिखाई नहीं दिया। इस पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह मामला 17 राजस्थान स्मारक पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम 1961 के तहत दर्ज किया गया है। मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक राकेश को सौंपी गई है।
ये हैं शहर परकोटे के पांच दरवाजे - कोटगेट, जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, शीतला गेट और गोगागेट बने हुए है। इनमें गोगागेट पहले दिल्ली दरवाजे के नाम से प्रसिद्ध रहा। कचहरी की ओर जाने वाले रास्ते को कोर्टगेट कहते थे जो अब कोटगेट पुकारा जाता है। वहीं जस्सूसर गेट ध्रुव पिरोल, नत्थूसर गेट गणेश पिरोल, शीतला गेट लक्ष्मी पिरोल के नाम से प्रसिद्ध रहे।

