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पुलिस-प्रशासन के नाकारा अफसरों को किया जाए जिला बदर

हनुमानगढ़. । जिले में बढ़ते अपराधों एवं पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली के विरोध में तथा नाकारा अफसरों का जिले से हटाने की मांग को लेकर नागरिक सुरक्षा मंच की ओर से मंगलवार को सांकेतिक मौन व्रत रखा गया। मंच के कार्यकर्ता आशीष गौतम ने सुबह नौ बजे कलक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के तले चबूतरे पर पांच घंटे का मौन व्रत शुरू किया। दोपहर दो बजे तक चलने वाले इस मौन व्रत आंदोलन में मंच के इंजीनियर ओम बिश्नोई, सचिन कौशिक, जेके झाम्ब आदि भी शामिल हुए।
मौन व्रत प्रारंभ करने से पहले आशीष गौतम ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष देश के तमाम क्रांतिकारियों को नमन किया। उन्होंने बताया कि जिले में विगत कई महीनों से अपराधों का ग्राफ चिंतनीय स्तर तक पहुंच चुका है। चोरियां और नशे की तस्करी की स्थिति तो यह है कि जैसे पुलिस ने हाथ ही खड़े कर दिए हों। बाइक चोरी को तो जैसे पुलिस ने अपराधों की गिनती में शामिल करना ही बंद कर दिया है। इसके अलावा पिछले कई महीनों में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें पुलिस अफसरों की कार्यशैली व भूमिका संदेहास्पद रही। इनके चलते पुलिस मुख्यालय के आदेश पर जिले के कई पुलिसकर्मियों को निलम्बित व लाइन हाजिर किया गया है। पुलिस का इकबाल बुलंद हो तथा अपराधियों में भय एवं आमजन में विश्वास हो, इसके लिए नाकारा अफसरों को जिले से हटाकर बाहर भेजना होगा। जिले को चोरों और नशे के तस्करों से बचाने के लिए आमजन को अब सडक़ पर उतर कर समय-समय पर विरोध का झंडा बुलंद करना होगा अन्यथा हालात बद से बदतर होते चले जाएंगे।
बने बैठे बंदर
मौन व्रत प्रारंभ करने से पहले आशीष गौतम ने कहा कि महात्मा गांधी के तीन बंदर बुरा नहीं बोलने, देखने तथा बुरा नहीं सुनने का संदेश देते थे। मगर अब जिले के अफसरों के हालात यह हैं कि वे अपराधों को नहीं देख रहे, उनके खिलाफ नहीं बोल रहे तथा जनता की पीड़ा नहीं सुन रहे।

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