
मंडी शुल्क लाभ को बढ़ावें,मिनिमिम लिमिट को घटाएं





खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने आयुक्त उद्योग जयपुर द्वारा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 को और अधिक सशक्त बनाने के लिए मांगे गए सुझाव महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र मंजू नैन गोदारा के मार्फत भिजवाए। अध्यक्ष ने बताया कि आरआईपीएस 2014 का ओपरेटिव पीरियड 31 मार्च 2019 को पूर्ण हो चुका है। इसके बाद 17.12.2019 से आरआईपीएस 2019 लागू हो चुकी है। वह इकाइयां जिन्हें आरआईपीएस 2014 के अंतर्गत मिलने वाले मंडी शुल्क एवं अन्य के लाभ का अंतिम वर्ष वितीय वर्ष 19-20 या 20-21 रहा है। उन्हें कोरोना महामारी के चलते इस योजना का पूर्णतह लाभ नहीं मिल सका। क्योंकि इस महामारी के चलते ऐसी इकाइयां, या तो पूरी तरह से बन्द रही है या बहुत कम चली है। ऐसी स्थिति में इन इकाइयों को आरआईपीएस 2014 के अंतर्गत मिलने वाले मंडी शुल्क के लाभ को एक वर्ष और बढ़ाया जावें। आरआईपीएस 2019 में ईलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी की 100 प्रतिशत छूट दी गई है। इसमें इलेक्ट्रिसिटी टेरिफ में भी 1 रूपये या 2 रूपये प्रति यूनिट की छूट का प्रावधान किया जाए। आरआईपीएस 2019 के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर में प्लांट एवं मशीनरी पर 25 प्रतिशत की कैपिटल सब्सिडी दी गई है। इसे प्लांट एवं मशीनरी के साथ-साथ भवन निर्माण या बिल्डिंग पर भी दी जाए। आरआईपीएस 2019 में थ्रस्ट सेक्टर के अंतर्गत बताये गए मिनिमम की लिमिट को भी घटाया जाए जैसे डेयरी सेक्टर, एग्रो प्रोसेसिंग सेक्टर, फ़ूड प्रोसेसिंग सेक्टर, हेल्थ केयर सेक्टर को वर्तमान में 5 करोड़ से घटाकर 1 करोड़ किया जाए। आरआईपीएस 2019 के अंतर्गत सरकार को एसएफएसी की तर्ज पर लम्बी अवधि के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था भी करवानी चाहिए। आरआईपीएस 2019 का ऑनलाइन पोर्टल जल्द से जल्द शुरू करवाने की व्यवस्था की जाये।

