
महिला अत्याचार के मामले में पुलिस का बड़ा कारनामा आया सामने







बीकानेर। महिला अत्याचार के मामलों में पुलिस का बड़ा कारनामा सामने आया है। दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर महिला तीन महीने से पुलिस के चक्कर लगाती रही। अंत में न्याय के लिए वह पैदल ही परिवार सहित जयपुर रवाना हो गई। मामला मुख्यालय तक पहुंचा तो पुलिस ने आरोपी को शांति भंग करने के आरोपी में गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया।
दरअसल मामला लूणकरणसर थाने का है। किस्तूरिया गांव की एक विधवा महिला के साथ उसी के भतीजे ने दुष्कर्म कर डाला। पीडि़ता ने 27 अगस्त को थाने में भतीजे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी पक्ष पीडि़ता को धमकाने लगे। महिला ने थाने में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर 27 सितंबर को वह परिवार सहित कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गई और भूख हड़ताल शुरू कर दी। दस दिन बाद आरोपी को पकडऩे का आश्वासन मिलने पर उसने अनशन तोड़ दिया।
फिर भी आरोपी नहीं पकड़ा गया तो महिला ने एसपी और आईजी से गुहार लगाई। यहां न्याय ना मिलते देख सामाजिक कार्यकर्ता शारदा राव के नेतृत्व में उसने परिवार सहित जयपुर कूच कर दिया। महिला 11 नवंबर को रवाना हुई थी। मंगलवार को सीकर पहुंचने पर उसे आरोपी पोकरराम की गिरफ्तारी का मैसेज मिला। शारदा राव ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को शांति भंग करने के आरोप में पकड़ कर खानापूर्ति की है। राव का कहना है कि आरोपी रसूख वाले होने के कारण पुलिस दबाव में है।
27 अगस्त को दर्ज हुआ था मुकदमा, पीडि़ता भटकती रही, पुलिस ने नहीं सुनी
मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला : दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने का मामला मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा है। पीडि़ता ने मुख्यमंत्री से लेकर आयोग तक गुहार लगाई थी। उसके बाद आयोग ने फाइल तलब कर ली। एसएचओ चंद्र सिंह ने बताया कि फाइल आने पर आगे की कार्रवाई होगी। आरोपी को 151 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दुष्कर्म के मामले की जांच दो बार कराई है। फाइल आयोग में भेजी हुई है। उसके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आरोपी पकड़ा जा चुका है। -योगेश यादव, एसपी
दुष्कर्म के मामले की जांच पहले एसएचओ लूणकरणसर चंद्रसिंह भाटी और बाद में कालू एसएचओ सुरेश कुमार मील ने की। दोनों ने ही जांच में दुष्कर्म प्रमाणित तो माना। लेकिन आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। वह फरार हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता शारदा राव ने बताया कि आरोपी और उसके साथियों की गिरफ्तारी को लेकर जब आईजी से मिलने गए तो आरोपी पक्ष के लोग पहले से ही उनके पास बैठे थे। रसूख वाले होने के कारण पुलिस दबाव में रही। उधर गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी हाई कोर्ट गए बताए।

