
भाटी के भाजपा में शामिल होने के मामले में प्रदेश संगठन ने दूर बनाई






बीकानेर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए बीकानेर से लेकर जयपुर तक सियासत गरमाई हुई है। राजे के दौरे की रूपरेखा और भाटी की बीजेपी में वापसी के मामले में प्रदेश संगठन ने दूरी बना रखी है। राजे ने राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से बातचीत के बाद ही बीकानेर का प्लान बनाया है।
दरअसल वर्तमान प्रदेश नेतृत्व से राजे के 36 के आंकडे हैं। इसलिए राजे का मामला दिल्ली पहुंचा। लोकसभा चुनाव में पार्टी छोडक़र गए पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की ज्वॉइनिंग भी तय हा़े गई। भास्कर से बातचीत में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि भाटी का मामला प्रदेश का विषय नहीं है। इस मामले में सिर्फ अरुण सिंह ही अधिकृत हैं। इधर जिले के जिम्मेवार कार्यकर्ता और नेता प्रदेश नेतृत्व के इशारे का इंतजार कर रहा है। इधर भाटी का कहना है कि उन्हें राजे ने ज्वॉइनिंग के लिए बोला। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से इस बारे में बात जरूर की होगी।
वसुंधरा के दौरे को लेकर कार्यकर्ताओं को प्रदेश नेतृत्व के इशारे का इंतजार
कार्यकर्ताओं में असमंजस: कार्यकर्ताओं का मानना है कि वसुंधरा की लीडरशिप में पार्टी अच्छा चुनाव लड़ेगी। उनके दौरे में शामिल होने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस पर प्रदेश और केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से ना तो अधिकृत बयान आया ना ही इसे खारिज भी किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर अधिकृत दौरा नहीं है तो प्रदेश नेतृत्व को इस पर बोलना चाहिए और नहीं बोल रहे तो स्पष्ट है कि केन्द्रीय नेतृत्व का इशारा राजे को है।
कार्यकर्ता अपनी गणित देख रहा कि अगर आने वाले वक्त में कमान राजे के हाथ में आई और वे दौरे में शामिल नहीं हुए तो नजर में आ जाएंगे। अगर चले गए और और राजे के हाथ में कमान नहीं आई तो उनके विरोधियों की नजर में आ जाएंगे। हालांकि जो नेता-कार्यकर्ता दोनों पलड़े साधना चाहते हैं वे राजे का स्वागत तो करेंगे लेकिन जूनागढ़ के सामने होने वाले जनसंवाद कार्यक्रम से दूरी बनाएंगे।
स्वागत में जुटे नेता: नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई राजे की बुलाई जयपुर की मीटिंग में नहीं गए। इसलिए नोखा का दौरा नहीं बना लेकिन देवी सिंह भाटी और स्थानीय प्रधान की सक्रियता बढ़ी तो कुछ दिन पहले ही चुपचाप जयपुर में राजे से मुलाकात करने पहुंच गए। अब नोखा में स्वागत करने की तैयारी में जुट गए हैं। लोगों का कहना है कि बिहारी का झुकाव इन दिनों अर्जुनराम की तरफ होने लगा है।
लूणकरणसर विधायक खुले तौर पर अर्जुनराम के साथ हैं। बीकानेर पूर्व की विधायक राजे के लिए खुलकर मैदान में आ गई। इसके अलावा खाजूवाला से उम्मीदवार रहे डॉ.विश्वनाथ मेघवाल भी राजे के लिए जुटे हैं। लूणकरणसर में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार भी भाटी के साथ आ गए। अर्जुनराम समर्थक विधायक राजे के दौरे से दूरी बना रहे हैं। मेयर सुशीला कंवर वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। गोपाल जोशी के पोते भी साथ हैं।
सांसद मेघवाल बोले-ज्वॉइनिंग की एक प्रक्रिया होती हैै, शायद वो नहीं हुई
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दौरे के दिन अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर से बाहर होंगे। बोले, उस दिन गुरुपूर्णिमा हैं। बीकानेर से बाहर हूं। देवी सिंह भाटी की ज्वॉइनिंग के सवाल पर मेघवाल ने कहा कि ये मामला संगठन का है। वही बता सकते हैं लेकिन जितनी मुझे जानकारी है ज्वॉइनिंग की एक प्रक्रिया होती है। इसके लिए चार-पांच लोगों की कमेटी बनी हुई है। मेरी जानकारी में अभी तक वहां से कुछ क्लियर नहीं हुआ।
भाटी की ज्वॉइनिंग से असर: देवीसिंह भाटी के पार्टी से अलग होने के बाद अर्जुनराम मेघवाल जिले के एक छत्र नेता बने हुए हैं। भाटी के आने के बाद सीधे फिर से दो धड़े बन जाएंगे। जिसका असर पूरे जिले में पड़ेगा। यह बिखराव राजे के दौरे के दिन से ही नजर आएगा। हालांकि पंचायत चुनाव में इन दोनों नेताओं के बीच समझौते की कवायद हुई थी लेकिन सिरे नहीं चढ़ी।


