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प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में चित्रकला व्याख्याताओं को बी.एड. की अनिवार्यता में शिथिलता देने की मांग

खुलासा न्यूज बीकानेर। प्रदेश के चित्रकला व्याख्याताओं ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग को ज्ञापन देकर प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में चित्रकला व्याख्याताओं को बी.एड. की अनिवार्यता में शिथिलता देने की मांग की है। सार्दुल स्कूल के चित्रकला व्यख्याता हिमानी शर्मा ने बताया कि चित्रकला व्याख्याताओं का इस योग्यता को रखने वाले अन्य विषयों के व्याख्याताओं के समान ही आरपीएससी सिलेबस अनुसार वांछित उत्तर देकर ही इस पद के लिए चयन हुआ है। साथ ही चित्रकला विषय के व्याख्याताओं में अधिकांशत: बीएफए के साथ फाइन आर्ट में स्नातकोत्तर या बीएफए के साथ एमएफए डिग्री प्राप्त है। जो स्नातक स्तर पर मानविकी विषय नहीं होने से बी.एड. के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार इस डिग्री के लिए आवेदन के लिए पात्र ही नहीं हैं। ऐसे में इस विषय के व्याख्याताओं को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए बी.एड. की योग्यता निर्धारित करना स्पष्ट तौर पर इस विषय के व्याख्याताओं को पदोन्नति से वंचित करना है। इन व्याख्याताओं का कहना है कि सभी विश्वविद्यालयों में बी.एड. के लिए निर्धारित योग्यता कक्षा 1-8 तक अध्यापन अनुभव, बीएसटीसी आदि कोर्स की बाध्यता कर रखी है जो प्राथमिक शिक्षकों को पदोन्नति में लाभ दिलाती है। जबकि सरकार की यह मंशा रहती है कि प्रत्येक कार्मिक को कम से कम एक पदोन्नति अवश्य मिले, लेकिन चित्रकला व्याख्याता पदोन्नति से वंचित है इसी संदर्भ में व्याख्याताओ ने मिलकर हिमानी शर्मा, सुनील दत्त रंगा, शबनम बानो, गायत्री, अनुराधा आदि ने मिलकर निदेशक से मांग की । इस पर निदेशक ने उक्त मांग को उचित बताते हुए सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, स्कूल शिक्षा के प्रमुख शासन सचिव व आरपीएससी के सचिव को भी भेजी है

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