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कोरोना मरीज को लेकर बीकानेर रेड जोन में, पांबादिया बढ़ सकती है; औसत संक्रमण दर 10 फीसदी से ऊपर पहुंची

जयपुर। राजस्थान में कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर ऐसे जिले हो गए, जो राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक रेड जोन में आ गए हैं। बीकानेर में संक्रमण की औसत दर 10 फीसदी को पार कर गई है। राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक जिस क्षेत्र या जिले में संक्रमण की दर 10 फीसदी से ऊपर पहुंच जाए वहां कलेक्टर, एसपी या पुलिस कमिश्नर को अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के अधिकार दिए हैं। जयपुर में वर्तमान में सबसे ज्यादा 15.78 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है। इसके बाद जोधपुर में 14.04 और अब बीकानेर में 10.50 फीसदी। इस कारण अब जयपुर, जोधपुर के बाद बीकानेर में भी राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित एरिया की रेड जोन कैटेगरी में आ गया है। सरकार की नई गाइडलाइन आज से लागू हो रही है। रात 8 बजे से बाजार बंद हो जाएंगे। शनिवार रात 11 से सोमवार सुबह 5 बजे तक वीकेंड कफ्र्यू लगेगा।
7 जिले येलो जोन में
राज्य के 33 में से 3 जिलों के रेड जोन के अलावा 7 जिले ऐसे है,जो येलो जोन कैटेगरी में आ रहे हैं। इन जिलों में सात दिन की औसत संक्रमण दर 5 से 10 फीसदी के बीच बनी हुई है। इनमें अलवर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर के अलावा चित्तौडग़ढ़ और बाड़मेर शामिल हैं। इन जिलों में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट कोटा में 8.19 फीसदी है।
16 जिलों में अब भी स्थिति कंट्रोल में
राज्य के 16 जिले ऐसे हैं जहां अब भी कोरोना की स्थिति कंट्रोल में है, यहां संक्रमण की दर 3 फीसदी से भी कम है। ये ग्रीन जोन में आ रहे हैं। इसमें हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, जालोर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा,डूंगरपुर,झालावाड़, बारां,बूंदी,टोंक,करौली और धौलपुर जिले आते हैं। वहीं सिरोही, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर,दौसा, सीकर,गंगानगर और जैसलमेर ऐसे जिले हैं, जहां संक्रमण की दर 3 से 5 फीसदी से बीच बनी हुई है।

ऐसे बनेंगे रेड,ग्रीन,येलो जोन
शहर में जहां 1 लाख जनसंख्या पर 100 एक्टिव केस हैं, वह रेड जोन होगा। जहां 51 एक्टिव केस हैं,वह येलो जोन में आएगा।1 लाख की जनसंख्या पर 50 या इससे कम एक्टिव केस वाला क्षेत्र ग्रीन जोन होगा। इसी तरह जिस गांव में 20 एक्टिव केस होंगे, वह रेड जोन में माना जाएगा। 20 से कम एक्टिव केस पर येलो जोन होगा। जिस गांव में एक भी केस नहीं होगा उसे ही ग्रीन जोन में रखा जाएगा। गांव में एक भी केस हुआ तो उसे येलो जोन में गिना जाएगा।

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