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बीकानेर में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड

बीकानेर में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड

खुलासा न्यूज़। बीकानेर जिले में पिछले तीन सालों में 1750 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं. पिछले दो सालों में हुई सामूहिक खुदखुशियों ने जिले के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस द्वारा रेंज स्तर पर बनाए गए आत्महत्या रोकथाम संसाधन केंद्र और सामाजिक संस्थाएं और संगठन भी इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
अब तक 1750 से अधिक लोग कर चुके हैं आत्महत्या

जिले के वल्लभ गार्डन में 19 मार्च की रात नितिन खत्री, उनकी पत्नी रजनी और बेटी जेसिका के शव मिले थे. सामूहिक आत्महत्या का यह मामला सामने आने पर जिले में पिछले तीन साल के दौरान हुई आत्महत्या की घटनाओं की जांच कराई गई. इसमें सामने आया कि वर्ष 2022 से अब तक 1750 से अधिक लोग आत्महत्या कर चुके हैं. दी गई जानकारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों से प्रतिदिन एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है.

वर्ष 2022 में 417, 2023 में 459 और 2024 में 449 लोगों ने आत्महत्या की है. इस साल भी अब तक 101 लोग आत्महत्या कर चुके हैं

सामाधान सेंटर केवल कागजों तक ही सीमित

पिछले दो साल में हुई सामूहिक आत्महत्याओं में भले ही परिवार उजड़ गए हों. लेकिन इन घटनाओं ने जिले के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. 14 दिसंबर 2023 को अंत्योदय नगर में हनुमान सोनी के परिवार के पांच सदस्यों की सामूहिक मौत के बाद बीकानेर पुलिस रेंज के आईजी ओमप्रकाश ने आत्महत्या रोकथाम संसाधन केंद्र का गठन किया था. इसका हेल्पलाइन नंबर 9530414841 भी जारी किया था. लेकिन इस केंद्र के कोई बेहतर परिणाम नहीं निकले और यह कागजों तक ही सीमित रह गया. अकेले व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में ही पिछले एक साल में 100 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार जिले में आत्महत्याओं के मुख्य कारण आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह, अकेलापन, युवाओं में पढ़ाई व नौकरी का तनाव और प्रेम प्रसंग रहे हैं.
मामलों को रोकने में दोस्त और परिवार निभाते हैं बड़ी भूमिका

बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में मनोरोग विभाग के प्रमुख डॉ. हरफूल बिश्नोई कहते हैं कि आत्महत्या की घटनाओं को रोकने में दोस्त, परिवार, सहकर्मी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. काउंसलिंग के जरिए उनका हौसला बढ़ाया जाना चाहिए. उन्हें इस तरह से बढ़ावा दें कि वे मानसिक रूप से मजबूत हो जाएं. साथ ही डॉक्टर से सलाह लें ताकि उन्हें मानसिक उपचार मिल सके. जब वे मानसिक रूप से मजबूत हो जाएंगे तो उनके विचार बदल जाएंगे. अगर इस तरह से एक भी व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोका जा सके तो यह बड़ी उपलब्धि होगी.

आत्महत्या के ये है मुख्य कारण
आर्थिक कारण 1.8% विवाह संबंधी समस्याएं 5.1% पारिवारिक समस्याएं 21.7% बीमारी 18% प्रेम संबंध 3.2% परीक्षा में असफलता 1.8% नशाखोरी 2.8% अन्य कारण 33.2% अज्ञात कारण 12.4% ये मुख्य कारण हैं जिनके कारण लोग अपनी जान ले लेते हैं.
भारत में आत्महत्या के सबसे अधिक मामले

दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं भारत में होती हैं. वर्ष 22 में देश में 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की जो वर्ष 21 से 4.2 फीसदी और वर्ष 18 से 27 फीसदी ज्यादा है. वर्ष 24 में हर एक लाख लोगों में से 12.4 लोगों ने आत्महत्या की जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है. पूरी दुनिया में हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं. जबकि भारत में यह आंकड़ा 1,64,033 है.

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