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राजस्थान के 15 जिलों में फैला बर्ड फ्लू, अब तक 3321 पक्षियों की मौत

राजस्थान में 16 दिन में अब तक कुल 3321 पक्षियों की मौत हुई है। इनमें सबसे अधिक 2551 कौए189 मोर190 कबूतर और 391 अन्य पक्षी शामिल हैं। सोमवार को 57 पक्षियों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। वहीं 371 पक्षी मृत मिले हैं।

 जयपुर। Bird Flu: राजस्थान में बर्ड फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के 33 में से 15 जिलों में बर्ड फ्लू का प्रकोप फैला है। प्रदेश में 16 दिन में अब तक कुल 3321 पक्षियों की मौत हुई है। इनमें सबसे अधिक 2551 कौए,189 मोर,190 कबूतर और 391 अन्य पक्षी शामिल हैं। सोमवार को 57 पक्षियों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, 371 पक्षी मृत मिले हैं। उधर, जयपुर के चिड़ियाघर में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। सोमवार को यहां चार पक्षियों के मृत मिलने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। यहां तीन कॉमन डक और एक ब्लॉक स्टॉर्क मृत अवस्था में मिले हैं। पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए सैंपल भोपाल स्थित लैब में जांच में के लिए भेजे गए हैं।

चिड़ियाघर में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया है। प्रदेश में अब तक सबसे अधिक 508 पक्षियों की मौत जयपुर में हुई है। पशुपालन विभाग ने प्रदेश में हो रही पक्षियों की मौत के मामले में मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पशुधन विकास बोर्ड के निदेशक भवानी सिंह राठौड़ को सौंपी है। बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भरतपुर स्थित घना पक्षी विहार में मॉनिटरिंग बढ़ाई गई है। यहां हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं। इस साल भी काफी संख्या में पक्षी यहां आए हैं। रणथंभौर व सरिस्का अभयारण्य में भी निगरानी बढ़ाई गई है। पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा व सचिव आरूषि मलिक प्रतिदिन जिला कलेक्टरों व जिला पशुपालन अधिकारियों से संवाद कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान में फैल रहे बर्ड फ्लू के बीच भरतपुर स्थित देश के प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में इंडियन थिकनी पक्षी मृत मिला है। भरतपुर में ही चार कौओं के मिलने से भी सनसनी फैल गई। इन मृत पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे गए हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में में इंडियन थिकनी बर्ड मिली है। उन्होंने बताया कि शहर में कौओं के मौत भी हुई है। यहां निगरानी बढ़ाई गई है। केवलादेव में र्सिदयों के मौसम में हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इस बार भी आए हैं, जिनमें वारहेडेड गूज भी शामिल हैं, इन्हें बर्ड फ्लू के लिहाज से सबसे संवेदनशील और संवाहक माना जाता है।

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