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रेल यात्रियों के लिए अहम खबर: एसी कोच में सफर करने वाले को पहले पता चल जाएगा ट्रेन में चादर-कंबल मिलेगा या नहीं

नईदिल्ली. गर्मी के दिनों में लोग वेकेशन पर जाना पसंद करते हैं। कोविड के बाद से एसी कोच में ट्रैवल करने वालों को कई तरह की टेंशन भी होती है। मसलन बेडरोल की सुविधा मिलेगी कि नहीं लास्ट मोमेंट पर अगर जाना कैंसिल हो गया तो क्या टिकट दूसरे के नाम पर हो सकती है।

शुरुआत करते हैं बेडरोल से

कोविड.19 के दौरान एसी डिब्बों में बंद की गई बेड रोल की सुविधा अभी भी सभी ट्रेनों में बहाल नहीं हो पाई है। इसलिए यात्रियों को समझ नहीं आ रहा है कि जिस ट्रेन से वे ट्रैवल कर रहे हैं, उसमें बेडरोल मिलेंगे या नहीं। ऐसे लोगों को बता दें कि यह सुविधा बहुत सी ट्रेनों में फिर से उपलब्ध हो गई है।

1296 एसी डिब्बों में मिलेंगे कंबल.चादर

ऐसे ट्रेनों की लिस्ट काफी लंबी है। इसलिए जिन ट्रेनों में चादर.कंबल की सुविधा शुरू हो गई हैए उसकी लिंक नीचे दे रहे हैं। आप लिंक पर क्लिक कर चेक कर सकते हैं कि जिस ट्रेन में आपका रिजर्वेशन हैए उसमें यह सुविधा मिल रही है या नहीं।

अब करते हैं रिजर्वेशन की बात

ज्यादातर लोग स्टेशन काउंटर पर टिकट बुक करवाने की जगह ऑनलाइन रिजर्वेशन करवाना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को बता दें कि रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए नियमों में एक बदलाव किया है। इसलिए टिकट रिजर्वेशन के पहले नए नियम जान लें।

रेलवे का नया नियम क्या है
नए नियम के अनुसार अब 1 यूजर प्क् से ज्यादा टिकट बुक करवा सकते हैं। अगर आपकी रेलवे की प्क् आधार कार्ड से लिंक है तो आपको और ज्यादा फायदा मिलेगा।

आपने टिकट करवा लिया। बुकिंग कंफ र्म है, लेकिन लास्ट मोमेंट पर कोई मीटिंग या जरूर काम की वजह से आपके जाने का प्लान कैंसिल हो गया, तो टिकट का पैसा गया। नहीं नए नियम के मुताबिक आप अपना टिकट किसी करीबी रिश्तेदार को दे सकते हैं।

अपना टिकट परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर करने के नियम क्या हैं

इसे माता, पिता, भाई, बहन, बेटा, बेटी, पति और पत्नी के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं।
यात्री को ट्रेन छूटने के 24 घंटे पहले एक रिक्वेस्ट देनी होती है।
फिर टिकट पर से यात्री का नाम काटकर उस सदस्य का नाम डाल दिया जाता है, जिसके नाम पर टिकट को ट्रांसफर किया जा रहा है।

आप सो रहे हैं तो टीटीई जगाकर टिकट चेक नहीं कर सकते

अक्सर ऐसा होता है कि ट्रेन में आपके सोने के बाद टीटीई टिकट चेक करने आते हैं और आपको जगाकर टिकट चेक करते हैंए लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर सकते। नए नियम के अनुसारए अगर आप सुबह से ट्रेन की यात्रा पर हैं तो रात 10 बजे के बाद टीटीई आपको नींद से जगाकर आईडी और टिकट नहीं चेक कर सकते हैं।

क्या है टिकट चेक करने का नियम

ज्ज्म् सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक टिकट चेक कर सकते हैं।
सुबह से यात्रा करने वालों को टीटीई रात में डिस्टर्ब नहीं कर सकते।
हालांकिए जो यात्री रात 10 बजे के बाद ट्रेन में चढ़ते हैं, टीटीई उनकी टिकट और प्क् चेक कर सकते हैं।

अब जानते हैं क्या है टू स्टॉप नियम

अगर कोई यात्री ट्रेन में यात्रा कर रहा है और अपनी सीट तक नहीं पहुंचा है तो टीटीई आपकी सीट ट्रेन के अगले दो स्टॉप तक किसी दूसरे यात्री को अलॉट नहीं कर सकते। यानी जब यात्री अपने बोर्डिंग स्टेशन के अगले दो स्टेशन तक अपनी सीट पर नहीं पहुंचता है तो टीटीई यह मान लेगा कि आरक्षित सीट वाले यात्री ने ट्रेन नहीं पकड़ी है। इसलिए तीसरे स्टेशन के बाद वो सीट दूसरों को दी जा सकती है।

चलते-चलते जानते हैं

क्यों हम ट्रेन में अपनी सीट चुन नहीं सकते हैं

ट्रेन में रिजर्वेशन का अलग तरीका है। ट्रेन में सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी है। इस वजह से रेलवे ने अपने बुकिंग सॉफ्टवेयर को इस तरह डिजाइन किया है कि हर बोगी में सामान लोड बांटा जा सके।

इसे ऐसे समझें

एक ट्रेन में एस 1 से लेकर एस10 नंबर वाले स्लीपर कोच हैं और सभी कोच में 72.72 सीटें हैं। उस ट्रेन में जब कोई पहली बार टिकट बुक करेगा तो सॉफ्टवेयर मध्य कोच में एक सीट आवंटित करेगादृ जैसे कि कोच ै5ए 30.40 नंबर की सीट मिलेगी। सॉफ्टवेयर सबसे पहले नीचे की सीट बुक करता हैए ताकि गुरुत्वाकर्षण केंद्र कम मिले।

ट्रेन में सीटेंए बीच की सीटों 36 से शुरू होकर गेट के पास की सीटों यानी 1.2 या 71.72 से निचली सीटें से ऊपरी तक भरी जाती हैं। आखिरी में टिकट बुक करने पर ऊपर की सीट आवंटित की जाती है।

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