
अगर संतान की शिक्षा, करियर या शादी की हो चिंता तो करें ये उपाय





ज्योतिष में बृहस्पति को संतान कारक माना जाता है. इसके बाद सूर्य से भी संतान का संबंध होता है. इन दोनों में से किसी भी ग्रह के कमजोर होने से संतान को लेकर चिंताएं होती हैं. पंचम भाव के कमजोर होने से भी संतान की चिंता ज्यादा हो जाती है. राहु का प्रभाव ज्यादा होने से भी संतान को लेकर अकारण चिंताएं होती हैं. कर्क, वृश्चिक, मीन, वृष, कन्या और मकर राशि के बच्चों के माता पिता को संतान की चिंता ज्यादा होती है.
अगर संतान के स्वभाव और व्यवहार को लेकर समस्या हो
घर में एक पीले रंग के गणेश जी की स्थापना करें. नित्य प्रातः गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद “ॐ विघ्नहर्त्रे नमः” का 108 बार जाप करें. इसके बाद इसी दूर्वा को अपनी संतान के कमरे में ले जाकर रख दें. इस दूर्वा को हर दिन बदल दें.
अगर संतान के शिक्षा या करियर की चिंता हो
नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिलाकर जल अर्पित करें. ॐ रवये नमः” का 108 बार जाप करें. लोटे के किनारों पर लगी हुयी रोली का तिलक संतान को लगाएं. शनिवार को निर्धनों को हलवा, पूरी और चना बांटें.
अगर संतान के विवाह की समस्या हो
घर में शिव पार्वती की स्थापना करें. नित्य प्रातः उन्हें गुलाबी पुष्प अर्पित करें. इसके बाद “ॐ गौरीशंकराय नमः” का तीन माला जप करें. शुक्रवार के दिन उन्हें खीर का भोग लगाएं. इस खीर को अपनी संतान को ग्रहण कराएं.
अगर संतान के वैवाहिक जीवन में समस्या हो
हर मंगलवार और शनिवार को शाम को हनुमान जी के सामने चमेली के तेल दीपक जलाएं. उन्हें बताशे का भोग लगाएं. इसके बाद उनके सामने सुन्दरकाण्ड का पाठ करें. बताशों का प्रसाद बांट दें. मंगलवार और शनिवार को घर में सात्विक भोजन ही बनाएं

