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बीकानेर/ बेटे की बात न मानते तो बच जातीं 4 जिंदगियां, मातम पसरा

खुलासा न्यूज, बीकानेर।  पिता जगदीश नायक छोटी बहू को बीकानेर के PBM अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के लिए एम्बुलेंस से जाना चाहते थे, लेकिन तभी बेटा बोला- ‘मेरा दोस्त फर्राटेदार गाड़ी चलाता है। एम्बुलेंस से पहले बीकानेर पहुंचा देगा।’ इस पर पिता निजी गाड़ी से जाने को तैयार हो गए। वे डॉक्टर को दिखाकर वापस लौट रहे थे। तभी देर रात श्रीडूंगरगढ़ के पास NH-11 पर दर्दनाक हादसा हो गया। कार-ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत में जगदीश नायक (45), उसकी पत्नी संतोष देवी (40), उनकी बहू के पिता और कार ड्राइवर की मौत हो गई। जगदीश का बेटा और बहू घायल हैं, दोनों का बीकानेर के PBM हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है।

सड़क हादसे में बेटे-बहू की मौत की की खबर सुनने के बाद जगदीश की मां नोरा देवी (70) की आंखें पथरा गईं। वह हर पल भगवान को कोसते हुए कह रही है, ‘भगवान ये तूने क्या किया। मेरे बुढ़ापे की लाठी कैसे छीन ली।’ चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के गांव गिड़गिचिया में नोरा देवी के घर गुरुवार को दिनभर लोगों का आना जाना लगा रहा। घर में मातम पसरा रहा।

छोटी बहू को दिखाकर लौट रहे थे परिजन
जगदीश के बड़े बेटे दीपाराम और छोटे बेटे रमेश की शादी रामसीसर निवासी रामदयाल की बेटी ममता और पूजा के साथ हुई थी। रमेश की पत्नी पूजा को बीकानेर के PBM अस्पताल में महिला डॉक्टर को दिखाकर बुधवार रात करीब दो बजे परिजन वापस आ रहे थे। तभी रास्ते में श्रीडूंगरगढ़ के पास अनहोनी हो गई।

बहुओं के सिर से दोनों पिता का साया उठ गया
घर की बड़ी बहू ममता की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। वह होश में आते ही बिलख पड़ती है, ‘भगवान ने मेरे दोनों पिता को छीन लिया है। सड़क हादसे में मारे गए रामदयाल ममता और पूजा के पिता और जगदीश के समधी थे। छोटी बेटी के साथ वह अस्पताल गए थे।

पिता के आने के बाद उठेगा बेटे का जनाजा
सड़क हादसे में कार ड्राइवर शिमला निवासी आरिफ (20) की भी मौत हो गई। आरिफ के पिता नवाब खां रोजगार के लिए विदेश में हैं। उनके शुक्रवार को आने की बात है। उनके आने के बाद ही शव सुपुर्द ए खाक होगा। दो भाइयों में आरिफ बड़ा है। छोटा भाई पढ़ाई करता है। एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। आरिफ गाड़ी चलाने का ही काम करता था।

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