
31 दिसंबर तक ITR नहीं फाइल करने पर डबल पेनाल्टी देनी होगी, आपके पास बस दो दिन का है मौका






नई दिल्ली. पिछले साल की तुलना में इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की डेडलाइन मिस करने पर दोगुनी पेनाल्टी भरनी पड़ सकती है. पिछले साल आईटीआर डेडलाइन (ITR Deadline) मिस करने के कुछ महीनों तक के लिए यह पेनाल्टी 5,000 रुपये थी. लेकिन, इस बार यह 10,000 रुपये होगी. हालांकि, देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की यह पेनाल्टी तभी लागू होगी, जब नेट इनकम (जरूरी छूट और डिडक्शन लागू करने के बाद) 5 लाख रुपये से अधिक होती है. अगर किसी टैक्सपेयर के लिए वित्तीय वर्ष में नेट इनकम 5 लाख रुपये से कम होता है तो उन्हें 1,000 रुपये तक की पेनाल्टी देनी होगी.
क्यों देनी होगी दोगुनी पेनाल्टी?
सामान्य तौर पर किसी भी व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है. इस डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर से पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर 5,000 रुपये की पेनाल्टी देनी पड़ती थी. 31 दिसंबर के बाद लेकिन 31 मार्च से पहले रिटर्न फाइल करने के लिए यह पेनाल्टी बढ़कर 10,000 रुपये हो जाती है. चूंकि, इस बार पहली डेडलाइन इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस बार टैक्सपेयर्स को डेडलाइन मिस करने पर इसलिए दोगुनी पेनाल्टी देनी पड़ सकती है, क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 234F में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस सेक्शन के तहत, आईटीआर फाइल नहीं करने पर दो टियर में लेट फीस वसूलने का प्रावधान है.
2. वहीं, अगर कोई टैक्सपेयर दूसरी डेडलाइन मिस करने के बाद 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च के बीच में टैक्स फाइल करता है तो उनसे 10,000 रुपये पेनाल्टी के रूप में वसूला जाएगा.
हालांकि, एक वित्त वर्ष में 5 लाख रुपये से कम कमाई करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए पेनाल्टी की रकम 1,000 रुपये ही है.
कुछ मामलों में टैक्स छूट से कम कमाई होने पर भी इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य होता है. वित्त वर्ष 2019-20 से इसे लागू किया गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में…
1. अगर एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति ने खुद या किसी दूसरे के विदेशी दौरे पर 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम खर्च की है तो उन्हें इनकम टैक्स भरना होगा.
2. अगर किसी व्यक्ति ने एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये से ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी बिल भरा है तब भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा.
3. किसी बैंक या सहकारी बैंक के करंटी में एक वित्त वर्ष में कुल 1 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की रकम डिपॉजिट की है तब भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा.


