
अगर आप गैस की व दर्द की ये दवाई ले रहे हो तो तुरंत बंद कर देवे, मानक के अनुरुप साबित नहीं हुई





अगर आप गैस की व दर्द की ये दवाई ले रहे हो तो तुरंत बंद कर देवे, मानक के अनुरुप साबित नहीं हुई
नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (सीडीआरए) की जांच में देश में बेहद प्रचलित चार दवा ब्रांडों के सैंपल नकली पाए गए हैं, वहीं 49 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे साबित नहीं हुए। सीडीआरए की ओर से जारी सूची के मुताबिक पेरासिटामोल, पेंटाप्राजोल का ब्रांड पैन डी, कैल्शियम सप्लीमेंट सेलकैल 500 और विटामिन डी-3 के सैंपल नकली पाए गए। इसके अतिरिक्त 49 दवाओं के सैंपल मानकों के अनुरूप साबित नहीं हुए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, जानें क्या है मामला?
इनमें ऑक्सीटोसिन, मेट्रोनिडाजोल और फ्लुकोनाजोल सहित कई दवाओं के सैंपल शामिल हैं। बताया जाता है कि मानकों पर खरी नहीं उतरी दवाओं के सैंपल एल्कैम हेल्थ साइंस, एरिस्टो फार्मा, केमिला फार्मा, इनोवा कैप्टन, हिंदुस्तान एंटिबायोटिक्स और इप्का लेबोरेटरीज के हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल डायबिटीज, पेनकिलर, आइड्रॉप और कफ सिरप के रूप में किया जाता है। ऐसी दवा कंपनियों को नोटिस भेज दिया गया है। इन बैच की दवाओं को बाजार से वापस मंगाने के निर्देश दिए गए हैं।
दवाओं के लिए थे 3000 सैंपल
देश के औषधि महानियंत्रक राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि सितंबर में 3,000 सैंपल लिए गए थे। उनमें से 49 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। उन्होंने कहा कि कुल नमूनों में 1.5 फीसदी दवाएं ही मानकों के अनुरूप नहीं मिली हैं। रघुवंशी ने बताया कि दवा के नमूने के मानकों पर खरे नहीं उतरने का मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जाने वाली सभी दवाएं घटिया हैं। उस विशिष्ट बैच की दवाओं को मानकों के अनुरूप नहीं माना जाता है।


