
अगर आप स्विंमिग पूल में नहाने जा रहे हो तो हो जाये सावधान, कभी भी हो सकते हादसे के शिकार, नहीं है पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम






शहर में चल रहे अवैध रुप से स्विंमिग पूल
अगर आप स्विंमिग पूल में नहाने जा रहे हो तो हो जाये सावधान, कभी भी हो सकते हादसे के शिकार, नहीं है पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम
बीकानेर(शिव भादाणी) । गर्मी से आमजन इतना परेशान हो गया कि शहर के सारे पूल फुल चल रहे है। लेकिन इन पूलों में जाने वाले अपनी जान खतरे में डाल रहे है। अगर देखा जाये तो शहर में करीब आधे दर्जन ऐसे निजी स्विमिंग पूल है जो अवैध रुप से चल रहे है जहां रोजाना सैकड़ों लोग नहाने जाते है। लेकिन इन पूलों पर अगर देखा जाये तो अनियमितताओं की भरमार है। जबकि अवैध पूल संचालकों ने इस भरी गर्मी ने दामों की बढोत्तरी कर मोटी कमाई कर रहे है। संचालक ना तो पूलों की सफाई नहीं हो रही और ना ही किसी पूल पर गार्ड नहीं दुर्घटना होने पर उपचार की व्यवस्था भी नहीं है। इसके साथ ही स्विमिंग पूल संचालन के कई मानकों के बारे में संचालकों को जानकारी तक नहीं है।
जिले के किसी भी स्विमिंग पूल में लाइफ गार्ड तो छोडि़ए संचालकों ने अन्य मानकों को भी पूरा नहीं कर रखा है। हादसा हुआ तो कौन होगा जिमेदार गर्मी से निजात पाने को लोग स्विमिंग पूल में जाते हैं, लेकिन मोटी कमाई के कारण संचालक एक समय में तीस से 50 लोगों को एक साथ स्विमिंग पूल में भेज देते हैं। अवैध स्विमिंग पूल ऐसे हैं जिनमें न तो कोई खास सुविधा है और न ही मानक पूरे हैं। किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन संचालकों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। प्रत्येक स्विमिंग पूल के लिए दो लाइफ गार्ड, जो भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित हों, उनका होना जरूरी होता है। पानी को साफ रखने के लिए करना होता है स्विमिंग पूल में स्विमिंग करने वाले लोगों को गंदे पानी से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए लोरीन का इस्तेमाल किया जाता है। एक स्विमिंग पूल में करीब पांच किलो लोरिन रोजाना डालनी होती है। लेकिन बीकानेर के स्विमिंग पूल के पानी की हालत को देखकर लगता है कि किसी में मुश्किल ही लोरीन का इस्तेमाल होता हो। अधिकतर स्विमिंग पूल बिना सुरक्षा मानकों के संचालित किए जा रहे हैं। कहीं लाइफ गार्ड नहीं हैं तो कही पानी का रंग देखकर ही स्विमिंग करने का मन नहीं करता। ऐसे में स्विमिंग पूल बीमारी का कारण भी बन रहे हैं। यही नहीं पूल संचालकों की यह लापरवाही यहां आने वालों को मौत की डुबकी भी लगवा सकती है।
प्रशासन को करे कार्यवाही
प्रशासन की अनदेखी के कारण इन पुलों में कभी भी कोई हादसा हो सकता है प्राय: देखा जाता है प्रशासन हादसे होने के बाद ही चेता है अगर समय रहते प्रशासन इन पुलों पर जाकर कार्यवाही जुर्मान लगाये तो संचालक भी अलर्ट रहेंगे अन्यथा संचालक मोटी कमाई के कारण सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।

