
स्लॉट बुकिंग के बाद भी नहीं पहुंचे तो दूसरे को मिलेगा ऑन स्पॉट मौका






जयपुर। चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर 18 से 44 आयु वर्ग के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब ऑनलाइन पंजीकरण के बावजूद वैक्सीन के लिए नहीं पहुंचने और वैक्सीन को खराब होने से बचाने के लिए ऑन स्पॉट पंजीकरण का भी विकल्प दिया है। एक दिन ऑनलाइन और एक दिन ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा दी गई है।
चिकित्सा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक सुधीर कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेशों के अनुसार यदि टीकाकरण सत्र ऑनलाइन स्लॉट के आधार पर आयोजित किया जा रहा है और सत्र पर टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाए गए लाभार्थी किसी कारण उपस्थित नहीं हो पाए तो वहां मौजूद अन्य लाभार्थी का ऑफलाइन पंजीकरण कर उनका वैक्सीनेशन किया जा सकेगा। इससे वैक्सीन वेस्टेज भी कम होगा।इसके साथ ही ऐसे लोग जिन्हें ऑनलाइन पंजीकरण में परेशानी है, वे उसका उपयोग नहीं जानते हैं, इंटरनेट सेवा का अभाव हो, स्मार्ट फोन या मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं हो तो उनके लिए ऑन स्पॉट पंजीकरण की सुविधा भी कोविन एप में दी गई है। वर्तमान में यह सुविधा केवल सरकारी टीकाकरण केन्द्रों पर रहेगी। ऐसे लोग जिन्हें पंजीयन के लिए सहयोग की आवश्यकता है, उनके लिए अलग से अलग से टीकाकरण सत्र आयोजित किए जा सकते हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यथासंभव ऑनलाइन पंजीयन और ऑनस्पॉट पंजीकरण की सुविधाएं एक ही दिन आयोजित करने की बजाय एक दिन ऑनलाइन और एक दिन ऑन स्पॉट के लिए आयोजित किए जाएंगे।
दिन भर रही मारामारी
इधर, केन्द्र की ओर से एक दिन पहले जारी गाइडलाइन के बाद जयपुर के कुछ टीकाकरण केन्द्रों पर सुबह से ही टीका लगवाने के भीड़ लग गई। मानसरोवर स्थित एक केन्द्र पर तो करीब 400 लोग पहुंच गए। दोपहर बाद राज्य सरकार ने टीकाकरण की गाइडलाइन जारी कर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया।
नई गाइडलाइन से भी गफलत की आशंका
अब जो नई गाइडलाइन जारी की गई है, उसको लेकर भी कुछ दिन लोगों में गफलत की आशंका हो सकती है। ऑनलाइन और ऑन स्पॉट को लेकर नई गाइडलाइन में भी पूरी तरह स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसमें आशंका यह है कि अधिकांश लाभार्थी खुद को स्मार्ट फोन या इंटरनेट सुविधा रहित बताकर वैक्सीन के लिए पहुंच सकते हैं।
गांवों की सीएचसी और पीएचसी पर स्थानीय को ही वैक्सीन
राज्य टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. रघुराज ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थानीय लोगों को ही वैक्सीन में प्राथमिकता देने का नियम बनाया गया है। गौरतलब है कि अभी तक कई जगह यह सामने आ रहा था कि ऑनलाइन पंजीकरण से गांवों के केन्द्रों पर भी शहरों से युवा वैक्सीन के लिए पहुंच रहे थे, जिससे विवाद की स्थितियां भी सामने आ रही थी।


