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बीजेपी जीती तो वसुंधरा बनेंगी सीएम? सियासी भविष्य को लेकर क्या है चर्चा

जयपुर। पिछले पांच साल में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अलग-अलग कारणों से सुर्खियां बटोरती रही हैं। पार्टी कार्यालय से उनके पोस्टर हटाए जाने तो कभी बीजेपी की रैलियों और विरोध प्रदर्शनों से उनकी अनुपस्थिति चर्चा में रही। आखिरकार पार्टी के पोस्टरों, समारोहों में उनकी वापसी और अपनी ही पार्टी के नेताओं की ओर से उन्हें दरकिनार किए जाने के कारण वह खबरों में बनी रहीं। कई समारोहों में नजरअंदाज किए जाने के बावजूद, राजे ने राजस्थान चुनाव में बड़ी बढ़त हासिल की। वो अपने करीबियों के लिए लगभग 40 से अधिक टिकट हासिल करने में सफल रहीं। इससे ये कहा जा रहा कि ‘मैडम को अभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
वसुंधरा का क्या होगा?
अब जब चुनाव की गहमागहमी खत्म हो गई है, तो कांग्रेस और बीजेपी खेमे में समान रूप से सवाल पूछे जा रहे। चर्चा यही कि चुनाव के बाद मैडम को क्या मिलेगा और वह कहां जाएंगी।’ पिछले सप्ताह अलग-अलग स्थानों पर अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रचार करते हुए वसुंधरा राजे ने भारी भीड़ जुटाई। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से शुरू की गई विभिन्न नीतियों के कारण राज्य पर बढ़ते कर्ज के बोझ का जिक्र किया। उन्होंने गहलोत सरकार पर सीधे हमले भी किए।
जब फुल एक्टिव हुईं पूर्व सीएम
वसुंधरा ने एक चुनावी रैली में कहा कि राजस्थान में हर बच्चा अपने सिर पर लगभग 70 हजार रुपये का कर्ज लेकर पैदा होगा। गहलोत के समय में राज्य पर सबसे ज्यादा कर्ज हो गया है। यह कर्ज सरकार ने कांग्रेस के विकास के लिए लिया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी खजाने से पैसा प्रदेश की जनता पर नहीं, बल्कि अपने विधायकों पर खर्च करते हैं। जब कांग्रेस विधायकों ने सरकार गिराने की कोशिश की तो महीनों तक विधायकों की बाड़ेबंदी में भारी रकम खर्च की गई। पूरा प्रवास 5-सितारा होटलों में था। ये पैसा जनता का था। आज निवेशक राजस्थान से भाग रहे हैं क्योंकि यहां देश में सबसे ज्यादा बिजली दरें हैं।

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