
कंगाली के कगार पर ईसीबी! क्या बीटीयू बनेगा तारणहार






50 करोड़ के ऊपर की रिकवरी बकाया
बीकानेर। लगातार भ्रष्टाचार के कारण विवादों में रहा अभियांत्रिकी महाविद्यालय अब कंगाली की क गार पर आ गया है। हालात ये है कि अब कॉलेज के कार्मिकों व प्राध्यापकों को वेतन के लाले पड़ रहे है। जिसको देखते हुए कॉलेज के प्रशासकों ने आर्थिक संकट से उबरने के लिये बीटीयू से मदद की गुहार लगाई है। यहीं नहीं प्राचार्य डॉ जे पी भांभू के शैक्षणिक व अशैक्षणिक कर्मचारियों को वेतन भुगतान में आ रही समस्या के संबंध में आज शासन सचिवालय में एक बैठक का आयोजन कर समस्या को दूर करने के विकल्प तलाश करेंगे। जानकारी के अनुसार अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीक ानेर में पिछले 10 सालों से अभियांत्रिकी महाविद्यालय के रिडर, एसोसियऐट प्रोफेसर,असिस्टेट प्रोफे सरों के द्वारा अनेक तरह से रूपयों का दुरुप्रयोग करते हुए गबन व वित्तीय अनियमिताएं की। जिनके आज तक ना तो सरकार व ना ही अभियांत्रिकी महाविद्यालय वर्तमान व पूर्व प्राचार्य द्वारा रिकवरी की। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के प्राचार्य जय प्रकाश भांभू सहित कई रिडरों के विरुद्व करीब 9 करोड़ रुपये की रिकवरी आज भी की जानी लंबित है साथ ही कॉलेज के करीब 100 से ज्यादा शैक्षणिक व अशैक्षणिक कर्मचारियों से 22 करोड़ रुपये की रिकवरी पिछले एक साल से देय है। अगर देखा जाये तो महाविद्यालय व होस्टलों में करीब 50 करोड़ रुपये की घोर अनियमितताएं अनवरत रुप से जारी है जिसका भौतिक सत्यापन किया जाना आवश्यक है।
स्वयं प्राचार्य पर रिकवरी,नहीं करवाएं जमा
जो प्राचार्य सरकार से मदद की गुहार लगाने गए है। उन पर रिकवरी निकल रही है। परन्तु उन्होंने भी अब तक बकाया जमा नहीं करवाएं है। जबकि न्यायालय के परिवाद संख्या 11534 में भांभू स्वयं वादी व 12 एसोसियेट प्रोफेसरों पर 1 करोड़ 34 लाख रुपये की रिकवर करनी थी लेकिन आज तक एक रुपये की रिकवरी नहीं हुई है।
22 करोड़ की रिकवरी बकाया
ओडिट विभाग ने ओडिट करके भर्तियों, गबन, बैक का मिलान नहीं होना, 30 लाख रुपये बैक के लेन- देन से छेड़छाड व चैकों पर कांटछांट कर रकम में हेराफेरी करके करीब 22 करोड़ों रुपये की रिकवरी निकाली थी।कुछ समय पहले महाविद्यालय के 100 कर्मचारियों को नोटिस दिया गया। मजे की बात है एक रु पये भी नहीं आया है।
दो महिनों में रुपये कहां से आयेगे
ईसीबी में कार्यरत कर्मचारियों को दो माह के वेतन के लिए शासन सचिव में बैठक बुलाकर वेतन की समस्या को दूर करने का प्रयास किये जा रहे है। सवाल ये उठता है कि जब इतने वर्षों में ही रिकवरी नहीं हो पाई तो अब दो महिनों में ईसीबी के पास रुपये कहां से आयेंगे।
हमें अपनों ने लूटा गैरो का कहा दम था…..
ईसीबी के साथ तो हमें अपनों ने लूटा गैरों में कहा दम था वाली युक्ति चरितार्थ हो रही है। कॉलेज की कमान जिस किसी ने संभाली। उसने पिछले प्राचार्य की अनियमितताओं को दरकिनार कर महज लूट खसोट की भावना से ही काम किया। बताया जा रहा है कि प्रत्येक प्राचार्य के सामने कॉलेज में भ्रष्टाचार और गबन के मामले बैठकों के दौरान प्रकाश में आएं। परन्तु किसी भी प्राचार्य ने न तो इन अनियमितताओं की जांच करवाई और न ही रिकवरी। हालात ये है कि जिसे जो हाथ लगा वे सब लूट ले गये। यहां तक की हॉस्टल के सामान को भी नहीं छोड़ा।
बिना बॉयोमैट्रिक मशीन के कर दिया भुगतान
जानकारी में रहे कि 2017 में मैस का आनलाईन टैडर किया जिसमें बॉयोमैट्रिक छात्रों की उपस्थिति दर्ज कि गई थी। लेकिन महाविद्यालय व बीटीयू ने मिलकर एवरेज के हिसाब से बिना बॉयोमैट्रिक के लाखों रुपये का भुगतान कर दिया। जिससे महाविद्यालय को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
शराब व नॉनवेज के रुपये भी सरकारी खाते से दिये
राजस्थान विश्वविद्यालय के निरीक्षण दलों द्वारा किये गये निरीक्षण के समय आवभगत में खाने तथा उपहार पर भारी राशि व्यय की गई। वहीं लालगढ़ पैलेस में शराब के रुपये का भी भुगतान किया गया। वहीं एक ड्राईवर ने दो कारे चलाई प्राचार्य से लेकर अन्य स्टाफ तक ने निजी कारणों से वाहन का उपयोग किया। संस्थान की कारों के दुरुप्रयोग के मामले में 10.73 लाख रुपए की रिकवरी निकाली गई है।
सरकारें भी दोषी
जानकारी में रहे कि ईसीबी में भ्रष्टाचार को लेकर समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशन के बाद गठित जा ंच कमेटियों की रिपोर्ट में प्रमाणन के बाद भी न तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने और न ही वर्तमान का ंग्रेस सरकार ने ईसीबी में हुए भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों को सजा दी। हालात ये है कि दोनों ही सरकारों के मंत्रियों व उच्चाधिकारियों ने शिकायतों की अनसुनी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। जबकि दोनों ही सरकारें भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे करती आई है। किन्तु स्थिति इससे विपरित है।
इनका कहना है
ईसीबी को आर्थिक मदद के लिये हमें किसी प्रकार की लिखित जानकारी नहीं मिली है। हां शुक्रवार को जयपुर में तकनीकी विभाग ने एक बैठक बुलाई है। जिसमें हमें भी न्यौता दिया है। विवि के अधिकारी बैठक में गए है। देखते है क्या मामला है।
एच डी चारण,कुलपति बीटीयू

