शहीद के सम्मान की लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ूंगा, बीकानेर में 80 वर्ष के कर्नल हेमसिंह शेखावत लड़ रहे है लड़ाई, - Khulasa Online शहीद के सम्मान की लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ूंगा, बीकानेर में 80 वर्ष के कर्नल हेमसिंह शेखावत लड़ रहे है लड़ाई, - Khulasa Online

शहीद के सम्मान की लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ूंगा, बीकानेर में 80 वर्ष के कर्नल हेमसिंह शेखावत लड़ रहे है लड़ाई,

बोले व्यवस्था में घुन किससे करें उम्मीद,
धना सेठ आर्थिक युग में शहीदों के बलिदान पर भारी यह दुर्भाग्यपूर्ण –

बीकानेर। शहर में इन दिनों एक प्रकरण को लेकर बड़ी चर्चा है जिसकी लड़ाई बीकानेर में कोई आउट राइट लड़ रहा है तो वो कोई युवा नेता या कोई पॉलिटिकल पार्टी या सामाजिक संगठन नहीं बल्कि 80 वर्ष के बुजुर्ग समाजसेवी रिटायर्ड कर्नल हेमसिंह शेखावत है।
दरअसल बीकानेर में एक विद्यालय का नाम 1971 की बांग्लादेश वॉर में शहीद हुए सैकेंड लेफ्टिनेंट करुण कांति मजूमदार के नाम से है जो कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय श्रेणी का है।
अब प्रकरण यह है कि उक्त विद्यालय जो कि अच्छी कंडीशन में है और शहर के पॉश ईलाके में है को बीकानेर का एक धनासेठ वर्ग गोद लेकर कब्जा करने की फिराक में है, जगह को देखते हुए उक्त समूह के व्यवसायिक हित साफ साफ दिखते है तभी शहीद के के मजूमदार का नाम होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग एवं उनके निदेशक कानाराम उक्त विद्यालय हल्दीराम ग्रुप को देने पर आमादा है।
बकौल कर्नल हेमसिंह शेखावत की माने तो अब राज, प्रशासन एवं धना सेठों के खिलाफ सैनिकों, शहीदों के परिवारों एवं उनकी वीरांगनाओं ने मोर्चा खोल दिया है, उनका कहना है हमारे सम्मान एवं प्रतिष्ठा के लिए हम अंतिम स्वांस तक लड़ेंगे।
कर्नल हेमसिंह शेखावत ने शहीद के महत्वपूर्ण मसले पर अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रमुख शासन सचिव राज सरकार, सैनिक कल्याण बोर्ड के मंत्री राजेन्द्रसिंह गुढ़ा, शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला, सम्भागीय आयुक्त नीरज के पवन, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, शिक्षा निदेशक कानाराम सहित कई लोगों को पत्र प्रेषित कर चुके है।
कर्नल साहब कहते है राज और प्रशासन के लोग खोटा काम कर रहे है, भामाशाह लोगों को प्रोत्साहित ही करना है तो बहुत से अन्य विद्यालय भी है जिनको गोद दिया जा सकता है।
शहीद के नाम से हुए विद्यालय को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए।
कर्नल हेमसिंह शेखावत के मुताबिक अब वे इस मुद्दे को लेकर बीकानेर के आमजन तक अपनी पहुंच बनाकर जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता भी इख्तियार किया जा सकता है।
शेखावत के अनुसार प्रशासन यूँही हठधर्मिता पर अड़ा रहा तो हम जल्द ही कलक्टर परिसर के सामने धरने का एलान करेंगे जिसमें जिलेभर के सैनिक, पूर्व सैनिक, अर्द्ध सैनिक, पूर्व अर्द्ध सैनिक, सैन्य अधिकारी, पूर्व सैन्य अधिकारी, उनके पारिवारिक सदस्य, उनकी विधवाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता गैर राजनीतिक बेनर तले शामिल होंगे।
शहीद के के मजूमदार प्रकरण में बीकानेर में सेना से जुड़े लोग कर्नल हेमसिंह शेखावत के नेतृत्व में आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है।

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