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मै फड़बाजार हूं कब सुधारेगा प्रशासन यहां की व्यवस्था, आंखे मूंदकर रो रहा हूं

शिव भादाणी
बीकानेर। यह कहानी है शहर के सबसे बड़े फड़बाजार की जहां रोजाना आते है हजारों लोग अपनी आवश्यक वस्तुओं की खरीद शहर के साथ बीकानेर के आस पास के करीब 20 से 25 गांव ऐसे है जहां से लोग रोजाना यह आते है और अपनी खरीदीदारी करते है। इतना बड़ा बाजार होने के बावजूद भी आज इसकी स्थिति ऐसी है कि आदमी पैदल नहीं चल सकता है सीवर का गंदा पानी जब चाहे एकत्रित हो जाता है जिससे दुकानदारों व आने जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहले आमने सामने की दुकान के बीच काफी लंबी सडक़ थी जिससे टैक्सी, गाड़े चालक व पैदल आराम से चल सकते थे लेकिन पिछले काफी वर्षो से यह जगह सिकुड कर मात्र दोनों साइड चार- चार फूट रह गई है। जिसमें बीच बाजार में सब्जी ठेले वालों ने अपनी व्यापार कर रखा है तो दुकानदार भी अपनी दुकान से करीब 6 से 8 फुट तक आगे आकर अपनी दुकान का सामान रखते है जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित रहता है। मजे की बात है यह है कि कोटगेट का्रसिंग से निकलते ही यातायात का पोईट है और कोटगेट थाना पास है लेकिन थानेदार साहब तो कभी फड़बाजार की तरफ गये ही नहीं और ना यातायात निरीक्षक गये है अगर वो जाये तो उनको पता चले कि जिस बीकानेर की यातायात व्यवस्था आपके हाथ में और आपने किस हालात में इस बीकानेर शहर को छोड़ दिया है। कई कलक्टर ऐसे आए जिन्होंने सब्जी ठेले वालों के लिए अलग से जगह देने का प्रस्ताव रखा तथा युूनियन से बात की सहमित भी बनी लेकिन कहते है बादशाह के जाने के बाद प्रजा का हाल बुरा ही होता है वहीं बात इस पर कोई गौर नहीं हुआ था। अब तो शहर के तीन मंत्री है और अब भी हालात वही के वहीं है एक भी मंत्री ने शहर की यातायात व्यवस्था और फड़बाजार की व्यवस्था को देखने की कोशिश नही कि जिस शहर की जनता ने आपको उनकी बात हक से रखने के लिए भेजा है और आपने भी आज तक यह समस्या ठीक में रुचि नहीं दिखाई तो फिर फड़बाजार व यातायात कब सुधारेगा कब प्रशासन जागेगा और फड़बाजार एक अच्छा बाजार दिखने लगेगा।

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