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राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार पति-पत्नी होंगे जज

कुलदीप माथुर और शुभा मेहता के रूप में शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट को दो नए जज मिल गए। इन दोनों के नाम का ऑर्डर केन्द्र सरकार ने आज शाम जारी किया। माथुर को वकील कोटे से और शुभा मेहता को न्यायिक सेवा कोटे से जज बनाया गया है। इसके साथ ही यह पहला अवसर होगा जब पति-पत्नी हाईकोर्ट में जज होंगे। शुभा के पति महेन्द्र गोयल पहले से हाईकोर्ट जज है। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की कुल संख्या 25 से बढ़कर 27 हो जाएगी। दो नई नियुक्ति के बावजूद अभी 23 पद खाली रहेंगे।

राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कुलदीप माथुर को राजस्थान उच्च न्यायालय का जज बनाए जाने की सूचना तीन दिन से चल रही थी। राष्ट्रपति भवन से उनके नाम की स्पेलिंग मांग लिए जाने के बाद से उन्हें बधाई देने का सिलसिला शुरू हो चुका था। मूल रूप से बाड़मेर के रहने वाले कुलदीप माथुर ने जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के बाद 1993 से वकालत प्रारंभ की थी। शुरुआती दौर में राजस्थान उच्च न्यायालय के तत्कालीन अधिवक्ता एनएन माथुर और उसके बाद तत्कालीन अधिवक्ता गोविंद माथुर के सानिध्य में वकालत को आगे बढ़ाया। संविधान के अलावा सर्विस मैटर में विशेषता हासिल अधिवक्ता कुलदीप माथुर अत्यंत सरल और सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वहीं न्यायिक सेवा कोटे से जज चुनी गई शुभा मेहता जयपुर की मूल निवासी है।

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