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पब्लिक पार्क की दुर्दशा पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

खुलासा न्यूज,बीकानेर। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग जयपुर के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने बीकानेर के पब्लिक पार्कों की दयनीय स्थिति के बारे में सेव पब्लिक पार्क कम्पेन की ओर से दिये गये परिवाद पर संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त व नगर सुधार न्यास सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब लिया है।गौरतलब है कि पिछ्ले दिनों राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास के बीकानेर प्रवास के दौरान सेव पब्लिक पार्क अभियान से जुडे कार्यकर्ताओं ने उनसे मिलकर गंगा निवास पब्लिक पार्क की दुर्दशा के सम्बंध में शिकायत पत्र सौंपा था । अभियान के संयोजक एडवोकेट निमेष सुथार द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर हुए आदेश जारी किये हैं कि प्रशासन आगामी तारीख से पूर्व विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ साथ यह जानकारी भी प्रस्तुत करे कि गंगा निवास पब्लिक पार्क व अन्य घोषित पब्लिक पार्कों की स्थिति में सुधार कब तक करेंगे और उनका विकास कब तक करेंगे ?
अभियान के संयोजक निमेष सुथार ने बताया कि राजस्थान पब्लिक पार्क अधिनियम 1956 में बीकानेर के पांच पार्कों को पब्लिक पार्क घोषित किया गया है। इनमें गंगा निवास पब्लिक पार्क,रतन बिहारी पार्क,श्री लक्ष्मीनाथ जी पार्क , रेल्वे स्टेशन और जूनागढ के पास स्थित गोल पार्क शामिल है ।
इन सभी पब्लिक पार्कों की स्थापना रियासत कालीन में जनता के उपयोग के लिए की गई थी और पिछ्ली एक शताब्दी से बीकानेर की आम जनता इन पार्को का उपयोग लेती रही है।
इन पार्को की देखरेख का जिम्मा अधिनियम के आने के बाद से नगर विकास न्यास का है जो इसमें पूरी तरह नाकाम रहा है। जनता को पार्को से जोडने के बजाय इनसे दूर रखने के प्रयास ही प्रशासन ने किये हैं। पब्लिक पार्कों की सब समस्याओं को मानवाधिकार आयोग के समक्ष प्रस्तुत शिकायत पत्र व अध्ययन रिपोर्ट में अधिनियम व नियमों के साथ उठाया गया है । परिवाद में मानवाधिकार आयोग से यह अपेक्षा की गई है कि पार्क में स्वच्छ हवा व घूमने के बीकानेर की जनता के इस गरिमामय जीवन जीने के मूल मानवाधिकार को संरक्षित करने के लिये आवश्यक निर्देश जिला प्रशासन को जारी करे।

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