
आखिर कैसे होगी विवि परीक्षाएं ?





बीकानेर। केन्द्र व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के बाद अब विवि की परीक्षाओं को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। इसको लेकर सरकार के सामने भी परीक्षाओं को आयोजित करवाने के लिये एक समस्या सामने आ रही है। जिसके निस्तारण के लिये राज्य सरकार ने विवि प्रबंधकों को निर्देश देकर महाविद्यालयों के प्राचार्यो व केन्द्राधीक्षकों से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परीक्षाओं में व्यवस्थाएं करने की बात कही है। लेकिन ऐसा कर पाना हर एक महाविद्यालय के लिये संभव नहीं है और इसको लेकर ऊहापोह के हालात बन गये है। जानकारी मिली है कि कई महाविद्यालयों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग से परीक्षा करवानी एक चुनौती बनी हुई है। यहीं नहीं इसके अलावा भी अनेक प्रकार की समस्याएं सामने आ सकती है।
इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना
-विवि के सामने सबसे बड़ी समस्या वीक्षकों की हो सकती है। कोरोना से घबराएं लोग परीक्षा लेने के लिये महाविद्यालयों को हामी भरे ये जरूरी नहीं। बीकानेर के अनेक निजी व सरकारी कॉलेज इस समस्या से पहले से ही जूझ रहे है। ऐसे हालात में अब इस महामारी से घबराएं वीक्षक परीक्षा लेने आये ये चिन्तनीय है।
-अनेक कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्रों से विद्यार्थी परीक्षा देने परीक्षा केन्द्र पहुंचेंगे। ऐसे में यहां रहने के लिये निजी स्तर पर व्यवस्थाएं करने में भी विद्यार्थी को मुश्किल का सामना कर पड़ सकता है। वैसे ही अपने मोहल्ले में आने वाले बाहरी व्यक्ति को निवास करने पर अनेक सवालिया निशान खड़े हो जाते है। इन हालातों में बाहरी विद्यार्थियों को किराए के मकान में जगह मिल पाना संभव होगा की नहीं ये भविष्य के गर्भ की बात है।
-यदि जून में परीक्षाएं आयोजित करवाने पर सरकार विचार करती है तो ये भी चुनौती से कम नहीं होगा। बीकानेर संभाग में जून के दिनों में पारा 40 से 50 के बीच रहता है। सोशल डिस्टेंसिंग की बात करने पर एक परीक्षा केन्द्र पर पांच या उससे अधिक विद्यार्थियों की एक साथ परीक्षा करवाना कांटो भरा ताज होगा। ऐसे में कई सरकारी कॉलेजों में तो गर्मी से बचने के पर्याप्त साधन भी उपलब्ध नहीं है।
ऐसे भी कर सकती है सरकार
अनेक अभिभावकों ने खुलासा को दी राय में बताया कि यदि सरकार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के आधार पर दसवीं की शेष परीक्षाओं को स्थगित कर सकती है। उसी तर्ज पर प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं को निरस्त कर महज तृतीय वर्ष की परीक्षाओं को आयोजित करवाकर विद्यार्थियों को राहत प्रदान करें।
ये दिए है दिशा निर्देश
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने कॉलेज के प्राचार्य से एक शपथ पत्र मांगा है कि जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अधिकतम परीक्षार्थियों की संख्या व बैठक व्यवस्था की योजना के बारे में भी बताना होगा। साथ ही परीक्षा कार्य से जुड़े कार्मिकों के मोबाइल नंबर,व्हाट्सएप नंबर एवं ईमेल भी अंकित करने होगें। सूचना के अभाव में परीक्षा केन्द्र निरस्त करने के दिशा निर्देश भी है।

