अधूरे इंतजाम से कैसे रूकेगा कोरोना,दे अपनी राय - Khulasa Online अधूरे इंतजाम से कैसे रूकेगा कोरोना,दे अपनी राय - Khulasa Online

अधूरे इंतजाम से कैसे रूकेगा कोरोना,दे अपनी राय

खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार कई इंतजाम कर रही है। आम लोगों के लिए भी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं। परन्तु अधूरे इंतजामों के बीच कोरोना को रोकने के लिये सरकारी प्रयास कही न कही कम दिख रहे है। कुछ कमियों के चलते कोरोना संक्रमण का ग्राफ भी बढ़ रहा है। इसमें सारा दोष सिस्टम का भी नहीं। लेकिन बहुत कुछ सरकारी सिस्टम की खामियां ने जिले में कोरोना के हाल बिगाड़ दिए है। खुलासा ने कुछ कमियों को आप के समक्ष रखा है,हो सकता है और कमियों रह भी गई हो। ऐसे आधे अधूरे इंतजामों के बीच कोरोना को रोकने के लिये ओर क्या उपाय किये जाने चाहिए। जिससे जिले में कोरोना की जंग को जीत सके। अपनी राय देकर सरकार और प्रशासन तक ऐसे उपायों को हम पहुंचाएंगे।
ये ओर हो तो रोका जा सकता है कोरोना
वैसे तो सरकार और प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये कई जतन किये है। गाइडलाइन जारी कर कुछ हिदायतें भी तय की गई है। फिर भी इन हिदायतों के आगे कोरोना की रफ्तार रूकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कुछ कमियां भी संक्रमण को बढ़ावा देने में मददगार बनी हुई है। अगर 2020 के कोरोना काल की बात करें तो प्रशासन की ओर से संक्रमितों वाले घरों के बाहर स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्वारेन्टाइन कार्ड चस्पा किया जाता था। जिसकी प्रतिदिन हाजरी के बतौर एक कार्मिक उसकी उपस्थिति दर्ज की जाती थी। ऐसे में कोरोना संक्रमित की बाजार में आवाजाही की पाबंदी लग जाती। परन्तु इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। संक्रमित आने वाले घर के बाहर रिपोर्ट कार्ड चस्पा नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण मोहल्ले वाले को संक्रमित मरीज की जानकारी नहीं मिल पाती। जानकारी के अभाव में संक्रमित भी बाजार में घूमते नजर आते है। जो सीधे तौर कोरोना को बढ़ावा मिल रहा है। यहीं नहीं थाने के बीट कास्टेबल को भी कोरोना संक्रमित की जानकारी नहीं है। अगर पिछले साल की व्यवस्थाओं को लागू किया जावें तो कुछ हद तक कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
मुख्य सड़के सुनी,मोहल्ले गुलजार
पिछले साल संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते गली-मोहल्लों में पाबंदियां लगा दी जाती थी और पुलिस की डालफिन टीम गश्त कर लोगों को घरों में बैठने के दिशा निर्देश देती थी। परन्तु इस बार मुख्य सड़कों पर कोरोना रोकने की कवायद के अलावा गली-मोहल्लों में किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर के अनेक संक्रमितों वाले क्षेत्रों के अलावा अनेक मोहल्ले देर रात तक गुलजार रहते है। जहां आमजन की भीड़ आमतौर पर देखी जा सकती है। यहां जमा बैठे लोग सरकारी एडवाजरी को धता बताकर संक्रमण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
स्वास्थ्य विभाग टीमें नहीं कर रही सर्वे
हालात यह है कि इस दफा स्वास्थ्य महकमा भी कोरोना की जंग में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा रहा है। न तो शहरी और न हीं ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें कोरोना संक्रमितों का सर्वे करवा रही है। इतना ही नहीं विभाग की ओर से पॉजिटिव आने वाले और मृतक परिवार वालों की जांच नहीं की जा रही है। सजग नागरिक भले ही जांच करवा लें। किन्तु विभागीय स्तर पर प्रयास बंद कर दिये गये है। विभाग की टीमें संक्रमितों को दवाईयों पहुंचाने में समक्ष नजर नहीं आ रही है। हां दबाव या शिकायत वालें परिवारों तक दवाईयों जरूर पहुंच रही है। परन्तु पिछले साल के मुकाबले इस साल विभाग कोरोना को लेकर निष्क्रिय ही नजर आ रहा है।
अप्रेल के रिकवर हुए आंकड़े

11 अप्रेल को 9
12 अप्रेल को 1
13 अप्रेल को 47
14 अप्रले को 20
15 अप्रेल को 19
16 अप्रेल को 39
17 अप्रेल को 42
18 अप्रेल को 31
19 अप्रेल को 73
20 अप्रेल को 65
21 अप्रेल को 71
22 अप्रेल को 104
23 अप्रेल को 115
24 अप्रेल को 156
25 अप्रेल को 73
26 अप्रेल को 222
27 अप्रेल को 138
28 अप्रेल को 1468
29 अप्रेल को 42
30 अप्रेल को 354
पिछले चार महीनों का लेखा-जोखा
जनवरी में 15180 सैम्पल में 62 पॉजिटिव आएं। इनमें से 110 डिस्चार्ज हुए और एक की मौत हो गई। फरवरी में 11064 सैम्पल में 19 पॉजिटिव आएं। इनमें से 24 डिस्चार्ज हुए और एक भी मौत नहीं हुई। मार्च में 16019 सैम्पल में 207पॉजिटिव आएं। इनमें से 57 डिस्चार्ज हुए और एक भी मौत नहीं हुई। अप्रेल में 50588 सैम्पल में 12030 पॉजिटिव आएं। इनमें से 2201 डिस्चार्ज हुए और 89 मौत हुई।

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