
‘दुनिया को कैसे समझाऊं- मैंने बेटी का रेप नहीं किया’: पत्नी ने कराया झूठा केस, कोर्ट ने माना- बेगुनाह






‘मेरा नाम … (सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए पहचान गुप्त रखी जा रही है) है। मुझ पर अपनी ही 12 साल की बेटी के रेप का आरोप था। समाज के लोगों ने ताने दिए। 20 महीने जेल में रहा। वहां दूसरे कैदियों ने गालियां दी, बेइज्जत किया। 1 सितंबर 2022 को कोर्ट ने तो मुझे बरी कर दिया, लेकिन इन 20 महीनों में मेरी सारी इज्जत चली गई। अब मैं दुनिया को कैसे समझाऊं- मैंने अपनी बेटी का रेप नहीं किया। किस-किस को जाकर बताऊं कि मैं बेगुनाह था।’
ये पीड़ा है, नागौर के मारोठ इलाके के एक गांव में रहने वाले एक गरीब इंसान की, जो मजदूरी करके अपना पेट पाल रहा था। 26 दिसंबर 2020 को उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई, जब उसकी पत्नी ने उस पर अपनी ही 12 साल की बेटी से रेप का मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सवा साल जेल में रहा, जो नर्क से बदतर थे। कोर्ट से बाइज्जत बरी होने के बाद भी उसका दर्द कम नहीं हुआ है। उसने खुद को एक कमरे में कैद कर लिया है। किसी से बात नहीं करता। भास्कर टीम उससे बात करने पहुंची तो काफी कोशिश के बाद वो अपना दर्द हमसे साझा करने के लिए तैयार हुआ।
सपने में भी नहीं सोचा था- पत्नी ऐसी साजिश कर सकती है
‘मैं एकदम गरीब आदमी हूं। मजदूरी कर परिवार पालता था। कभी लगा नहीं कि मेरी पत्नी मेरे खिलाफ इतनी बड़ी साजिश कर सकती है। 27 दिसंबर 2020 को मेरा ये भ्रम टूट गया, जब पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आई। मैंने वजह पूछी तो उन्होंने कहा- ‘तूने अपनी बेटी का रेप किया है’। ये सुनकर एक बार तो मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। मैंने लाख मिन्नतें की, लेकिन पुलिसवालों ने एक नहीं सुनी और मुझे गिरफ्तार कर ले गए।’


