लंपी वायरस की चपेट में आई गाय का दूध पीने से आप कितने सेफ, 7 दिन संक्रमण का पता नहीं चलता, 15 दिन में मौत - Khulasa Online लंपी वायरस की चपेट में आई गाय का दूध पीने से आप कितने सेफ, 7 दिन संक्रमण का पता नहीं चलता, 15 दिन में मौत - Khulasa Online

लंपी वायरस की चपेट में आई गाय का दूध पीने से आप कितने सेफ, 7 दिन संक्रमण का पता नहीं चलता, 15 दिन में मौत

जयपुर। राजस्थान के 33 में से 20 जिलों में लंपी वायरस फैल गया है, यानी 60 प्रतिशत राजस्थान में गायें बीमारी की चपेट में हैं। पशुओं की बात करें तो इस वायरस से 90 प्रतिशत गायें और10 प्रतिशत भैंस इंफेक्ट हो रही हैं।
कोई भी पशु इस वायरस से इंफेक्ट होता है तो 7 दिन में लक्षण दिखने शुरू होते हैं। संक्रमित होने के बाद पशु खाना-पीना भी छोड़ देता है। पहले पशु की स्किन, फिर ब्लड और बादमें दूध पर असर पड़ता है। वायरस इतना खतरनाक है कि इंफेक्ट होने के 15 दिन के भीतर तड़प-तड़पकर गायों की मौत हो जाती है।लंपी वायरस बेकाबू होने के बाद हर इंसान के मन में 2 सवाल हैं…
1. वायरस इतना खतरनाक कैसे है कि 15 दिन में पशु दम तोड़ देता है?
2. लंपी से इंफेक्टेड गाय का दूध अगर कोई इंसान पी ले तो?
वायरस का किन नस्लों पर सबसे ज्यादा असर
राजस्थान से सटे पश्चिमी इलाकों से सबसे पहले वायरस फैलना शुरू हुआ था। वेटरनरी डॉक्टर भींवाराम ने बताया कि राजस्थान में गायों की चार नस्लों गिर, राठी, थारपारकर व देशीपर लंपी वायरस का सबसे ज्यादा असर हो रहा है।
अब तक प्रदेश के कई जिलों में किए गए सर्वे में इन नस्लों की गायें ही सबसे ज्यादा इंफेक्टेड मिली। मौतों का आंकड़ा भी इन्हीं नस्लों का सबसे ज्यादा है।खास बात है कि अमेरिकन नस्ल की एचएफ क्रॉस बीड पर लंपी वायरस का असर नहीं है। क्योंकि इसकी देशी बीड से इम्यूनिटी अच्छी होती है। ये वायरस भी अमेरिकन है।दफनाने को जगह कम पड़ी, सडक़ पर सींगों के ढेर:झाड़-फूंक से गायों का इलाज; जयपुर में 14 हजार गोवंश तक पहुंचा वायरसखतरनाक क्योंकि 7 दिन तक पता नहीं चलतालंपी वायरस का तेज रफ्तार से फैलने का सबसे बड़ा कारण ये है कि पशु इंफेक्टेड भी हो जाए तो भी 7 दिन तक इसका पता नहीं चलता। पता चलता है तब तक इंफेक्टेट पशु के संपर्क में आने से कई पशु संक्रमित हो चुके हैं।एक्सपट्?र्स का कहना है कि लंपी का कारण कैप्रिपॉक्स वायरस है। कोई भी पशु इस वायरस से इंफेक्ट होता है तो 7 दिन बाद धीरे-धीरे शरीर कमजोर पडऩे लगता है। पशु खानापीना छोड़ देता है।
वायरस सबसे पहले स्किन, फिर ब्लड और अंत में दूध पर असर डालता है। दूध कम हो जाता है और पूरा शरीर कमजोर हो जाता है।बीमार गाय-भैंस का दूध पी लिया तो?एसएमएस हॉस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर डॉ.प्रियांशु माथुर ने बताया कि अभी तक की स्टडी में लंपी वायरस से इंफेक्टेड पशु का दूध पीने से इंसान पर असर का मामला सामने नहींआया है।इसका बड़ा कारण है कि हम दूध को गर्म करके ही पीते हैं।गर्म करने पर दूध में मौजूद बैक्टीरिया व वायरस नष्ट हो जाते हैं। साथ ही ह्यूमन बॉडी में एक ऐसा एसिड होता है, जोकि खुद ही ऐसे वायरस को खत्म कर देता है। हालांकि बीमारपशु का दूध पीने पर बछड़े जरूर संक्रमित हो सकते हैं। वहीं इंसान भी बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से प्रभावित हो सकते हैं।

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