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बीकानेर में ये कैसी ड्राईविंग ?, पुलिस ने क्यों दर्ज नहीं की एफ़॰आई॰आर, ऐसे तो बढ़ जाएगी सड़क दुर्घटनाएं व ओवर स्पीड वालों के हौंसले

संपादक कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । बीकानेर में दुर्घटनाएं नियंत्रित नहीं हो पा रही है। इसका प्रमुख कारण वाहन चालकों की लापरवाही को माना जा रहा है। आए दिन यहां सड़कों पर खून बह रहा है। लापरवाही से हुए हादसे परिवार वालों को जीवनभर का दर्द दे रहा है। कहीं इकलौता बेटा सड़क हादसे का शिकार बना तो कहीं परिवार का मुखिया दूसरे की गलती से मौत की मुंह में चला गया।

ज्यादातर सड़क हादसे में नजर दौड़ाया जाए तो वाहन चालकों की लापरवाही का खामियाजा निर्दोष व्यक्तियों को भुगतना पड़ा है। यातायात के नियम का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं कम हो सकते है।

बात की जाए बीकानेर के जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना इलाक़े की तो यहाँ वाहन चालक तेज गति व उतावलेपन से वाहनों को चलाते है । गाड़ी रफ्तार में होने की वजह से वाहन चालक अपने रफ्तार पर नियंत्रित नहीं कर पाते और हादसा हो जाता है। इसका नतीजा यह होता है की इसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ता है।

व्यास कॉलोनी थाना इलाक़े में अधिकांश कोचिंग संस्थान और स्कूलें है, यहाँ भीड़भाड़ इलाक़ों में चालक तेज गति से बुलेट व कार चलाते है , लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है।
अनियंत्रित गति से वाहन चलाने वालों की वजह यहाँ हर रोज किसी ना किसी का जीवन संकट में आ जाता है।ऐसा ही एक दिलदहलाने वाला मामला सामने आया है ।
घटना जयनारायण व्यास कॉलोनी के सेक्टर 5 में की है। यहां एक सफेद कार अचानक से पहले सड़क किनारे खड़ी कार से भिड़ी, फिर जसवंत दूध भंडार के अंदर जा घुसी। कार नंबर आरजे 07 सीबी 7518 की गति इतनी तेज थी कि कार को उड़ाने के बाद भी रुकी नहीं बल्कि दूध भंडार के अंदर ही चली गई। दुर्घटना में एक बच्ची घायल हुई। लोगों कार चालक व उसके साथी को बाहर निकल धुनाई भी की ।इस मामलें में पुलिस थाने शिकायत भी की गई लेकिन पुलिस ने शिकायत के बाद भी FIR दर्ज नहीं की , जबकि ऐसे मामलों मेंस्व मोटो कार्रवाई करनी चाहिए ।हालांकि उस दिन थानाधिकारी अवकाश पर थे। अब घटना का सीसीटीवी फूटेज व विडीओ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । एक तरफ़ राजस्थान सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर गम्भीर है, लेकिन बीकानेर पुलिस जरा भी गंभीर नज़र नहीं आ रही है। आख़िर पुलिस ने शिकायत के बाद भी FIR दर्ज क्यों नहीं की ?

अब इस मामले को लेकर पुलिस यह कहकर पल्ला झाड़ रही की मामले में तीनों पक्षों ने आपस में राजीनामा कर लिया है। कोई पक्ष कार्यवाही नहीं चाह रहे थे, उन्होंने लिखित में राजीनामा पेश किया। इसलिए कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

यह क़ानून, फिर पुलिस क्यों नहीं करती कार्यवाही

279 आईपीसी- सार्वजनिकरास्ते में या सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को जिससे किसी का जीवन संकट में पड़े तो छह माह का कारावास या एक हजार रूपए जुर्माना या दोनों हो सकता है। यह जमानती मामला है।

304आईपीसी- लापरवाहीसे मौत कर देने वाले व्यक्ति को दो वर्ष की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है। यह जमानती अपराध है।

337आईपीसी- ऐसाकार्य करना जिससे मानव जीवन संकट में पड़ जाए तो आरोपी को छह माह की कैद या 500 रूपए जुर्माना या दोनों हो सकता है। यह जमानती मामला है।

338आईपीसी- घोरलापरवाही करते हुए मानव जीवन संकट में डालने पर दो वर्ष का कारावास और एक हजार जुर्माना हो सकता है। यह जमानती मामला है।

427आईपीसी- सड़कहादसे में 50 रु. या अधिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले को दो वर्ष कैद जुर्माना हो सकता है। यह जमानती मामला है।

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