
ओबीसी की इन जातियों को आरक्षण की आस, बजट में करोड़ों की घोषणा







जयपुर. राजस्थान में ओबीसी की 10 जातियों को सामाजिक और आर्थिक पुर्नत्थान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 करोड़़ के बजट की घोषणा की है। इस घोषणा के लिए समाज को आरक्षण मिलने की आस जगी है।
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सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक रूप से पिछली मिरासी समाज की 10 जातियों ने सरकार का आभार जताया है लेकिन समाज की यह मांग भी तेज हो गई है कि एमबीसी की तर्ज पर इन जातियों को भी अलग से आरक्षण मिले। फि लहाल सरकार ने 20 करोड़ का बजट जारी कर मिरासी समाज को बड़ी राहत मिली है क्योंकि आज से पहले इन जातियों के लिए इतनी बडी घोषणा नहीं हुई।
राज्य सरकार तय करेगी मिरासी समुदाय की 10 जातियों का भविष्य
मिरासी समुदाय की 10 जातियों का भविष्य सरकार तय करेगी। ओबीसी की इन 10 जातियों को एमबीसी में शामिल करना है या नहीं, दूसरे कोटा बनाना है या नहीं, इसका फैसला सरकार को ही करना होगाण्ये जातियां चाहती हैं कि गुर्जरों की तरह अलग से आरक्षण दिया जाए। गुर्जर समेत 5 जातियों को ओबीसी में से 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जिसे एमबीसी नाम दिया गया है।
सर्वे पर हुआ था विवाद, कब होगा वस्तुस्थिति का चित्रण
ये 10 जातियां हैं मुस्लिम मिरासी, मांगणियार, ढाढी, लंगा, दमामी, मीर, नगारची, राणा, बायती और बारोट 2 साल पहले इन्ही जातियों की सामाजिक, शैक्षणिक, व्यवसायिक और आर्थिक वस्तुस्थिति जानने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वे की कार्रवाई को शुरू किया था लेकिन दूसरी जातियों के विरोध के कारण ये सर्वे फाइलों में ही बंद हो गया। 2019 में कई जिलों से इन जातियों की रिपोर्ट भी मांगी गई थी लेकिन जातियों के आपसी विवाद के कारण सर्वे नहीं हो पाया।


