
गृह विभाग ने कलेक्टर व एसपी दो माह में हथियार लाइसेंसर रिन्यू करने के आदेश दिये






बीकानेर। हाईकोर्ट ने एक पूर्व सैनिक के बंदूक लाइसेंस के प्रकरण में राज्य के गृह विभाग, बीकानेर कलेक्टर-एसपी को दो माह में हथियार लाइसेंस रिन्यू करने के आदेश दिए हैं। पूर्व सैनिक की 12 बोर की बंदूक का लाइसेंस 18 साल से रिन्यू नहीं हो पा रहा। तिलक नगर निवासी प्रभुराम गोदारा फौज में थे। वर्ष, 97 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर से12 बोर बंदूक का लाइसेंस बनवाया था। बाद में हथियार लाइसेंस महाराष्ट्र के नागपुर और राजस्थान के बाड़मेर जिलों से रिन्यू हुआ। वर्ष, 05 में प्रभुराम रिटायर्ड हो गए और उन्होंने गृह जिले बीकानेर में लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए आवेदन किया। लेकिन, 18 साल बाद भी उनका लाइसेंस रिन्यू नहीं हो पाया।
बीकानेर डीएम और एसपी ने हथियार लाइसेंस को वेरिफाई करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को पत्र लिखे, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला। लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के कारण रिटायर्ड सैन्यकर्मी कोसुरक्षाकर्मी के रूप में रोजगार भी नहीं मिल पाया। उन्होंने वर्ष, 21 में वकील रजाक खान हैदर के जरिये जोधपुर हाईकोर्ट में रिट लगाई। हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार के गृहविभाग, बीकानेर कलेक्टर-एसपी को आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता का अंतिम बार लाइसेंस रिन्यू बाड़मेर जिले से हुआ है। वहीं से सत्यापन करवाया जाए और उचित व पात्र पाए जाने पर दो माह की अवधिमें लाइसेंस रिन्यू किया जाए। गौरतलब है कि आयुध नियम, 16 के अनुसार अधिकतम 30 दिन में लाइसेंस नवीनीकरण का प्रावधान है।
वकील ने गृह विभाग के परिपत्र को बनाया आधारयाचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट में गृह विभाग की ओर से 30 मई, 19 को जारी परिपत्र को आधार बनाया। परिपत्र में अन्य राज्यों से जारी शस्त्र अनुज्ञापत्र के नवीनीकरण करने से पूर्व अंतिम बार नवीनीकरण करने वाले प्राधिकारी से सत्यापन के बाद नवीनीकरण के निर्देश हैं। पूर्व सैनिक का अंतिम बार लाइसेंस रिन्यू बाड़मेर जिला मजिस्ट्रेट से हुआ था।अन्य राज्यों से हथियार लाइसेंस बनवाने वाले सैनिकों को रिटायरमेंट के बाद रिन्यू करवाने में परेशानी आती है। हाईकोर्ट के आदेश से अब अंतिम बार जिस जिले से रिन्यूवल हुआ है। उसी जिले से सत्यापनकरवाकर लाइसेंस रिन्यू किया जा सकेगा। – प्रभुराम गोदारा, याचिकाकर्ता पूर्व सैनिक


