सस्ते नहीं होंगे होम और ऑटो लोन:आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया

सस्ते नहीं होंगे होम और ऑटो लोन:आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया

मुंबई। रिजर्व बैंक और सरकार दोनों इस समय ग्रोथ पर फोकस कर रहे हैं। 2021-22 में ढेर सारे अनुमान  से ज्यादा की ग्रोथ के हैं
अगर आपने होम लोन, ऑटो लोन या किसी भी तरह का लोन लिया है तो यह अभी सस्ता नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि रिजर्व बैंक ने अपनी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4त्न और रिवर्स रेपो रेट को 3.35त्न बरकरार रखा है।
रिजर्व बैंक हर दो महीने में दरों को बदलने या न बदलने के बारे में मीटिंग करता है। इसमें उसकी 6 लोगों की टीम होती है। क्रक्चढ्ढ गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (त्रष्ठक्क) में 10.5त्न की ग्रोथ का अनुमान जताया है। रूक्कष्ट की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी।
सिक्योरिटीज की सीनियर इकोनॉमिस्ट अनघा देवधर ने कहा कि रूक्कष्ट का यह निर्णय उम्मीद के मुताबिक रहा। आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिल सकती है। ऐसे में क्रक्चढ्ढ दरों में भी कमी आएगी। कुल मिलाकर रूक्कष्ट का निर्णय विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा है।
रेपो रेट में अब तक 115 बेसिस पॉइंट की कटौती
जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि क्रक्चढ्ढ रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ क्रक्चढ्ढ द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद क्रक्चढ्ढ की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।
रिवर्स रेपो रेट भी स्थिर
रूक्कष्ट ने पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 4त्न है, जो 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। वहीं, क्रक्चढ्ढ ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.35त्न पर बरकरार रखा है। इसी दर पर बैंक अपने पास जमा रकम को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।
ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैं
बता दें कि आने वाले समय में लोन की दरें ऊपर जा सकती हैं। क्योंकि रिजर्व बैंक ने दरों में कमी करने का फैसला रोक रखा है। रिजर्व बैंक अब महंगाई और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। सरकार भी ग्रोथ बढ़ाने पर ही फोकस कर रही है। इस तरह से ग्रोथ बढऩे पर ब्याज दरों में कमी रुक जाएगी और आगे चलकर इसमें बढ़त हो सकती है। कुछ बैंक के चेयरमैन का मानना है कि मई-जून के बाद ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैं। क्योंकि तब तक आर्थिक स्थिति सही हो सकती है और मांग बढ़ सकती है। कोरोना पर काफी काबू तब तक हो जाएगा। ऐसे में आप अगर लोन लेना चाहते हैं तो यह सस्ते लोन का अंतिम दौर हो सकता है।
घरेलू अर्थव्यस्था पर भरोसा जता रहे विदेशी निवेशक
चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उपभोक्ता महंगाई दर 5.2त्न रहने का अनुमान जताया गया है। इसका पहले अनुमान 5.8त्न का था। शक्तिकांता दास ने कहा कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं। इसका ही नतीजा रहा कि हाल के महीनों में स्नष्ठढ्ढ और स्नक्कढ्ढ निवेश का फ्लो लगातार बढ़ा है।

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