हो गई बल्ले- बल्ले अब पार्षद बने बिना भी बन सकेंगे महापौर, सभापति और पालिका अध्यक्ष!

हो गई बल्ले- बल्ले अब पार्षद बने बिना भी बन सकेंगे महापौर, सभापति और पालिका अध्यक्ष!

जयपुर। महापौर, सभापति और अध्यक्ष का सीधा चुनाव लडऩे की व्यवस्था समाप्त करने के बाद अब राज्य सरकार ने महापौर, सभापति और अध्यक्ष बनने के लिए पार्षद चुनाव लडऩे की अनिवार्यता समाप्त करने की तैयारी कर ली है। पार्षद का चुनाव होने के बाद महापौर, सभापति और अध्यक्ष का चुनाव होगा।
इस चुनाव में पार्षद वोट करेंगे। राज्य के 52 निकायों में अगले माह होने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा निकायों में कब्जा जमाने को लेकर राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं। उसी रूप में इस बदलाव को देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक निकायों में महापौर, सभापति और अध्यक्ष के सीधे चुनाव कराने की व्यवस्था समाप्त करने की तैयारी के साथ ही राज्य सरकार ने निकाय प्रमुख के चुनाव में पार्षद होने की अनिवार्यता को समाप्त करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन हाल ही केबिनेट की बैठक में निकाय प्रमुखों का चुनाव पार्षदों के बहुमत के आधार पर ही किए जाने के निर्णय के दौरान यह खुलासा नहीं किया था कि निकाय प्रमुख बनने के लिए निकाय क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति दावेदारी कर सकेगा।
लेकिन अब दूसरे इस बड़े बदलाव के बाद वे सभी बड़े नेता निकाय प्रमुख के लिए दावेदारी कर सकेंगे, जो पार्षद का चुनाव लडऩे से हिचकिचा रहे थे। खास बात है कि जो नई व्यवस्था में जो व्यक्ति या महिला पार्षद का चुनाव हार जाएंगे वो भी निकाय प्रमुख चुनाव में उम्मीदवार बन सकेंगे

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