रामभक्तों से दोगुना उनके सेवक हनुमान को पूजने वाले, सबसे ज्यादा 45% शिवभक्त

रामभक्तों से दोगुना उनके सेवक हनुमान को पूजने वाले, सबसे ज्यादा 45% शिवभक्त

भारत के हिंदुओं के बीच शिव सबसे लोकप्रिय देवता हैं। करीब 45% हिंदुओं के आराध्य भगवान शिव हैं। इसके बाद लोग हनुमान, गणेश, लक्ष्मी, कृष्ण, मां काली और भगवान राम को अपना इष्ट मानते हैं। हैरानी की बात है कि भगवान राम की तुलना में उनके सेवक हनुमान में आस्था रखने वाले दोगुना हैं। 17% लोगों के इष्ट भगवान राम, जबकि 32% के इष्ट हनुमान हैं। इष्ट देव ऐसे भगवान होते हैं, जिनसे व्यक्ति सबसे ज्यादा व्यक्तिगत लगाव महसूस करता है। अमेरिकी एजेंसी Pew रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में ये बातें सामने आई हैं।

Pew ने नवंबर 2019 से मार्च 2020 के दौरान भारत के 30 हजार लोगोंं से बात की। 29 जून 2021 को इस सर्वे के आंकड़े जारी किए गए। हमने इस सर्वे को पूरा पढ़ा और आपके लिए धर्म, भगवान, त्योहार और सामाजिक ताने-बाने से जुड़े 9 रोचक आंकड़े पेश कर रहे हैं…

भीमराव अंबेडकर ने लिखा था, ‘जाति प्रथा खत्म करने का सही इलाज अंतरजातीय शादियां हैं।’ लेकिन 85 साल बाद भी ज्यादातर भारतीय दूसरी जाति और दूसरे धर्म में शादी के खिलाफ हैं। 80% मुस्लिमों का मानना है कि महिलाओं को किसी दूसरे धर्म में शादी से रोकना जरूरी है।

Pew ने ये सर्वे ऐसे वक्त में करवाया था जब देश में एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इसके बावजूद 89% हिंदुओं का मानना है कि उन्हें अपने धर्म का पालन करने की आजादी है। वहीं पांच में से सिर्फ एक मुस्लिम या हिंदू ने अपने साथ धार्मिक भेदभाव की शिकायत की है।

अधिकांश भारतीयों को दूसरे धर्म से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वो अपना पड़ोसी अपने ही धर्म का चाहते हैं। इसमें 61% के साथ जैनी सबसे आगे हैं। 45% हिंदू भी नहीं चाहते कि उनका पड़ोसी किसी दूसरे धर्म का हो।

आजादी के बाद भारत पाकिस्तान के बंटवारे ने सबसे बड़ा पलायन देखा। 75 साल बाद भी हजारों परिवारों को इसकी टीस है। 48% मुस्लिम साम्प्रदायिक रिश्तों के लिए बंटवारे को खराब मानते हैं।

ज्यादातर भारतीय एससी-एसटी और ओबीसी कैटेगरी से ताल्लुक रखते हैं। सर्वे ने इस धारणा को भी तोड़ा है कि वर्ग विभाजन सिर्फ हिंदुओं में ज्यादा है। 89% बौद्ध अनुसूचित जाति के हैं।

Join Whatsapp 26