
बड़ी खबर : हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती में नियुक्तियों पर लगाई रोक






खुलासा न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर के 6000 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियों पर फिलहाल रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड और पशुपालन विभाग से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले में अब 2 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। इस अवधि में दस्तावेज सत्यापन हो सकेगा, लेकिन किसी को नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी। हितेश पाटीदार और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट सारांश विज और हरेंद्र नील ने पैरवी करते हुए तर्क दिया कि पशु परिचर भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का गलत फॉर्मूला अपनाया गया। बिना कट ऑफ मार्क जारी किए ही सफल कैंडिडेट्स को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुला लिया।
तीन दिन, 6 शिफ्ट में हुए थे एग्जाम
पशु परिचर भर्ती के लिए 6 अक्टूबर 2023 में विज्ञप्ति निकाली गई थी। इस भर्ती में 17 लाख 53 हजार ने आवेदन किया था। 10.52 लाख कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी थी। 1 से 3 दिसंबर 2024 को तीन दिन परीक्षा हुई थी। तीन दिन में छह शिफ्ट में परीक्षा हुई थी। हर शिफ्ट का अलग पेपर था।
याचिकाकर्ता पहली और चौथी शिफ्ट के है। इस साल 3 अप्रैल को रिजल्ट जारी हुआ था। छह शिफ्टों में हुई परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन हुआ था। इसके फॉर्मूले पर विवाद था। चौथी शिफ्ट से 6 प्रतिशत, छठी से 33 प्रतिशत का चयन हुआ।
नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले पर विवाद
नॉर्मलाइजेशन में जेड फॉर्मूला अपनाया गया था, इस फॉर्मूले को सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है। सही फॉर्मूला पी फॉर्मूला है, जिसे नहीं अपनाया। पहली और चौथी शिफ्ट में परीक्षा देने वाले एक भी कैंडिडेट का चयन नहीं हुआ। छठी शिफ्ट से 1268 कैंडिडेट का चयन हो गया। पहली शिफ्ट में किसी भी सामान्य और ओबीसी कैटेगरी के कैंडिडेट का चयन नहीं हुआ।
कट ऑफ जारी किए, दस्तावेज सत्यापन के लिए बुला लिया
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि इस भर्ती में चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही। कट ऑफ मार्क जारी किए बिना ही सफल होने वालों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुला लिया, जबकि हर भर्ती में पहले कट ऑफ जारी होती है।


