
अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी को नौकरी नहीं देने पर हाईकोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग ने दो हफ्ते में मांगा जवाब






Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती-2015 में अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं करने के मामले में शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश नेहा सक्सेना की याचिका पर दिए हैं.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने इतिहास विषय के स्कूल व्याख्याता के 1968 पदों के लिए 16 अक्टूबर 2015 को भर्ती निकाली थी. आयोग की ओर से परीक्षा परिणाम जारी कर कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी. इसके बाद आयोग ने परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया. जिसमें याचिकाकर्ता ने 247.7 अंक हासिल किए.
कम अंक लाने वाले अभ्यर्थी को कैसे मिली नियुक्ति
याचिका में बताया गया कि भर्ती में याचिकाकर्ता से कम अंक प्राप्त करने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को परीक्षा के पहले परिणाम के बाद नियुक्ति दी गई, लेकिन याचिकाकर्ता के अधिक अंक होने के बावजूद से नियुक्ति से वंचित कर दिया गया. याचिका में कहा गया कि आयोग की यह कार्य प्रणाली संविधान के तहत प्रदत्त मूल अधिकारों के खिलाफ है. इसके अलावा नियमानुसार आयोग उच्च मेरिट को नजरअंदाज नहीं कर सकता है.
आयोग ने पहले परिणाम में छोड़ी गलतियों के चलते संशोधित परिणाम जारी किया था और उसमें याचिकाकर्ता के अंक बढ़ गए. ऐसे में उसे पूर्व में अन्य अभ्यर्थियों को दी गई नियुक्ति के समान नियुक्ति और अन्य परिलाभ दिए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.


