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राजस्थान में 2 दिन मानसून का हाई अलर्ट, बीकानेर में उमस बढ़ी ,मानसून रूठा

राजस्थान के हाड़ौती अंचल में आसमान से बरस रही आफत की बारिश अभी थमने का नाम नहीं लेगी। अगले दो दिन बारां, कोटा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में तेज बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की माने तो मध्य प्रदेश और राजस्थान सीमा पर बने लो-प्रेशर एरिया के प्रभाव के कारण पूर्वी राजस्थान में इतनी भारी बारिश हुई है और इस सिस्टम का असर 5 अगस्त तक बना रहेगा। वहीं तेज बारिश ने जयपुर की नदियों और बांधों में भी बहार ला दी। फागी के पास बांडी नदी में 15 साल बाद पानी बहता दिखा। वहीं दूदू के पास 3 दिन पहले तक सूखा पड़ा छापरवाड़ा बांध का गेज 4 फीट तक आ गया।मौसम विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम का असर के कारण 4 अगस्त को बारां, कोटा के अलावा भरतपुर और जयपुर संभाग के कुछ जिलों में भी भारी बारिश हो सकती है। हालांकि 5 अगस्त को जरूर थोड़ा सिस्टम का असर कम होगा और 6 अगस्त से मौसम वापस सामान्य स्थिति में लौट आएगा।

बीकानेर में मानसून रूठा
संभाग में हनुमानगढ़ और चूरू जिला बारिश के मामले में औसत से आगे जबकि बीकानेर के साथ श्रीगंगानगर पिछड़ा हुआ है। सोमवार की तरह मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही रहा। धूप-छांव के बीच लुकाछिपी का खेल जारी रहा। उमस बढ़ी लेकिन मानसून रूठा रहा। बारिश के लिए जितनी आर्दता चाहिए वो नहीं मिल रही। यूपी और हरियाणा में कम दबाव का क्षेत्र भी बना है लेकिन बारिश वाले बादल बीकानेर आते-आते खाली हो रहे हैं। लोग पसीने से तरबतर हो रहे हैं।

सीजन की सबसे ज्यादा बारिश देवपुरा में

मौसम विभाग के मुताबिक सीजन की सबसे ज्यादा बारिश आज सवाई माधोपुर के देवपुरा में दर्ज की गई। यहां 24 घंटे के दौरान 380MM (15 इंच) बारिश हुई है। यह अब तक के सीजन में किसी भी स्थान पर हुई सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले 31 जुलाई को बारां जिले के शाहाबाद में करीब 304MM ( 12 इंच) बारिश दर्ज हुई थी।

एक रात की बारिश में भरा छापरवाड़ा बांध

जयपुर के फागी क्षेत्र में बहने वाली बांडी नदी आज 15 साल बाद बहती दिखी। जयपुर-फागी बाइपास पर इस नदी पर बने बांध पर चादर चलने लगी। वहां से गुजरने वाले लोग भी बांडी में बह रहे पानी को देखने के लिए रूक गए। इधर दूदू के पास छापरवाड़ा बांध में भी पानी की शानदार आवक हुई। यहां एक दिन में 4 फीट पानी आ गया। जबकि यही बांध 31 जुलाई तक सूखा पड़ा था।

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