
अरे मिथिलादी पति यह बतला धन्वाको किसने तोड़ा है किसने इस भरे स्वयंवर में सीता से नाता जोड़ा है





अरे मिथिलादी पति यह बतला धन्वाको किसने तोड़ा है किसने इस भरे स्वयंवर में सीता से नाता जोड़ा है
बीकानेर(शिव भादाणी)। नगर सेठ लक्ष्मीनाथ जी मंदिर परिसर रामलीला मैदान श्री राम कला मंदिर संस्थान व रोटरी क्लब रॉयल्स बीकानेर द्वारा नवरात्रि पर्व पर भव्य रामलीला का मंचन किया जाता है आज की लीला में सीता स्वयंवर का दृश्य दिखाया गया संस्थान के अध्यक्ष गिरीराज जोशी ने बताया की आज के मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सत्य प्रकाश आचार्य विश्वजीत गौड़ समाजसेवी थे संस्थान के सचिव अभिराम दत गौड़ ने बताया बुधवार को सीता स्वयंवर का द्वश्य का मंचन किया गया जिसमें श्री राम ने शिव धनुष तोड़ा तो, शिवजी के धनुष को टूटा देखकर परशुराम प्रकट हुए और चिल्ला कर बोले सुनो, जिसने शिवजी के धनुष को तोड़ा है, वह मेरा शत्रु है, वह सामने आ जाए, नहीं तो सभी राजा मारे जाएंगे।
अरे मिथिलादी पति यह बतला धन्वाको किसने तोड़ा है किसने इस भरे स्वयंवर में सीता से नाता जोड़ा है
परशुराम जी को अत्यन्त क्रुद्ध देख जब राजा जनक कुछ कहने की स्थिति में नहीं होते तो तब परशुराम जी के सामने आकर प्रभु श्रीराम विनयपूर्वक बताते कि शिव धनुष तोडऩे वाला आपका ही कोई दास है-
नाथ शम्भु धनु भंजन हारा, वो भी है कोई दास तुम्हारा।
जो कुछ आयसु होई गुसाईं, सिर धर नाथ करूँ मैं सोई।
मुनि के वचन सुनकर लक्ष्मण जी मुस्कुराए और बोले परशुराम जी बचपन में हमने बहुत से धनुष तोड़ डाले कितु आपने ऐसा क्रोध कभी नहीं किया। इसी धनुष के टूटने पर आप इतना गुस्सा क्यों कर रहे हैं? परशुराम ने कहा कि हे बालक, सारे संसार में विख्यात शिवजी का यह धनुष क्या कोई छोटा मोटा धनुष समझा है। लक्ष्मण जी ने हंस कर कहा कि हे देव हमारे समझ में तो सभी धनुष एक से ही हैं। फिर यह तो छूते ही टूट गया। इसमें रघुनाथ जी का भी कोई दोष नहीं है। काफी देर तक लक्ष्मण व मुनि परशुराम के बीच शब्दों के बाण चलते रहे। विश्वामित्र जी ने मन ही मन सोचा परशुराम जी, राम-लक्ष्मण को भी साधारण राजकुमार ही समझ रहे हैं। श्री रामचंद्र जी बोले परशुराम जी लक्ष्मण तो नादान बालक है यदि यह आपका कुछ भी प्रभाव जानता, तो क्या यह बेसमझ आपकी बराबरी करता, आप तो गुरु समान हैं, उसे माफ कर दें। श्री रामचंद्रजी के वचन सुनकर वे कुछ ठंडे पड़े। मंचन को देख मौजूद लोगों ने प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाए। इससे पूरा वातावरण राममय हो गया।

