कोडवर्ड बताते ही ड्रोन से गिरा देते हेरोइन,राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान से तस्करी - Khulasa Online कोडवर्ड बताते ही ड्रोन से गिरा देते हेरोइन,राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान से तस्करी - Khulasa Online

कोडवर्ड बताते ही ड्रोन से गिरा देते हेरोइन,राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान से तस्करी

अनूपगढ़। राजस्थान में हेरोइन तस्करी में पकड़े गए दो बदमाशों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पंजाब में बैठा तस्कर पाकिस्तान से राजस्थान बॉर्डर पर ड्रोन से हेरोइन मंगवाता है। यहां उसके गुर्गे पहले से तैयार रहते हैं और हेरोइन को सरगना तक पहुंचा देते हैं। एक किलो हेरोइन पहुंचाने के 2 लाख रुपए मिलते हैं। श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आए दो तस्करों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई।
इमरान खान ने बताया कि  रावला के गांव 23 केडी में पुलिस और बीएसएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर दो तस्करों को पकड़ा था। दोनों तस्कर पंजाब निवासी राजपाल सिंह और अमरजीत सिंह पाकिस्तान से हेरोइन की आने वाली खेप को लेने पहुंचे थे।
तस्करों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे 2 दिन से बॉर्डर क्षेत्र में रेकी कर पंजाब में बैठे फिरोजपुर निवासी सरगना चरणजीत सिंह उर्फ चन्नी को लोकेशन और फोटो भेज रहे थे।
3 मई को यहां ड्रोन से गांव 23 केडी में 3 किलो हेरोइन की खेप आने वाली थी। खान ने बताया कि हेरोइन की खेप पंजाब पहुंचाने पर एक किलो के बदले उन्हें दो लाख रुपए दिए जाते हैं। एक बार में 3 से 7 किलो तक हेरोइन पंजाब पहुंचाई जाती है।
पंजाब में बैठा सरगना चला रहा है बड़ा गिरोह
पूछताछ में पता चला कि चरणजीत सिंह उर्फ चन्नी पाकिस्तान में बैठे तस्करों से वॉट्सऐप कॉल के जरिए बात करता है। आरोपियों से पूछताछ में पता लगा कि चरणजीत सिंह ने उन्हें 30 अप्रैल को पंजाब से रावला भेजा था। रावला पहुंचने के बाद 1 और 2 मई को उन्होंने बॉर्डर के कई गांवों की रेकी की ।
3 मई को पाकिस्तान से आनी थी हेरोइन की खेप
आरोपियों से पूछताछ में पता लगा कि 3 मई को हेरोइन की खेप मंगवाई गई थी। इस दिन को लेकर पकड़े गए दोनों आरोपी लगातार सरगना और पाकिस्तान में बैठे तस्करों के संपर्क में थे। पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पाकिस्तान 4 बार बात की।
कोडवर्ड के जरिए होती है डिलीवरी
पाकिस्तान से हेरोइन की खेप मंगवाने के लिए कोडवर्ड का प्रयोग किया जाता है। आरोपियों ने बताया कि पंजाब के सरगना और पाकिस्तान के तस्करों के बीच कोडवर्ड तय किया जाता है और डील फाइनल होने के बाद वह कोडवर्ड बॉर्डर पर पहुंचे तस्करों को दिया जाता है।
जब हेरोइन की खेप मंगवानी होती है तो उससे ठीक पहले बॉर्डर पर हेरोइन की खेप लेने पहुंचे व्यक्ति पाकिस्तान तस्कर को कॉल कर कोडवर्ड बताते हैं, जिससे वह हेरोइन की खेप ड्रोन के माध्यम से भारत में गिरा देते हैं।

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