रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर उतरा हरक्यूलिस - Khulasa Online रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर उतरा हरक्यूलिस - Khulasa Online

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर उतरा हरक्यूलिस

बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा पर बनी देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप पर हरक्यूलिस ने लैंडिंग की। हरक्यूलिस ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लेकर उड़ान भरी थी। सबसे पहले सुखोई का ट्रायल हुआ। इसके बाद अब दूसरे फाइटर प्लेन जगुआर का भी ट्रायल किया गया जो सफल रहा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अब तक आपने सडक़ पर गाड़ी, बैलगाड़ी या कार चलते देखा होगा, लेकिन पहली बार किसी हाईवे पर हवाई जहाज को देखेंगे। अब सडक़ों पर हवाई जहाज और फाइटर प्लेन भी उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी लैंडिंग फिल्ड सुरक्षा के प्रति कॉन्फिंडेंस देता है। इंटरनेशल बॉर्डर के पास इस तरह की एयर स्ट्रिप तैयार कर यह संदेश दे दिया है कि भारत किसी भी तरह की चुनौती स्वीकार करने को तैयार है।
भारत एक्सपोर्टिंग कंट्री के रूप में पहचान बनाएगा
राजनाथ सिंह ने एयरफोर्स अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध के साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी यह एयर स्ट्रिप काम आएगी। अब तक भारत दूसरे देशों से हथियार और अन्य सामग्री इंपोर्ट करता था, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि डेढ़ दशक में भारत एक्सपोर्टिंग कंट्री के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। कार्यक्रम में उन्होंने सुखोई और जगुआर कैप्टन को बधाई भी दी।
देश की सबसे बेहतर एयर स्ट्रिप
कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि यह देश की सबसे बेहतर एयर स्ट्रिप है। उन्होंने आस-पास एयरपोर्ट की कमी को देखते हुए बोले कि 350 ्यरू की रेंज में एयरपोर्ट बनाया जाएगा। मंच से उन्होंने एयरफोर्स अधिकारियों को इसका प्रोजेक्ट बनाने की बात कहीं। साथ ही बताया कि इसे एयरफोर्स के साथ ही सिविल उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे प्रोजेक्ट लाने की भी बात कही।
पाकिस्तान बॉर्डर से महज 40 किमी दूर देश की पहली एयर स्ट्रिप पर सुखोई, मिग, जगुआर और हरक्यूलिस विमानों का ट्रायल भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर ताराबंदी के नजदीक पहला टच एंड गो ऑपरेशन होगा। इससे पहले बुधवार को यहां करीब 3 घंटे तक रिहर्सल की गई। सबसे पहले इस एयर स्ट्रिप पर हरक्यूलिस विमान को उतारा गया। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर-जालोर की सीमा पर देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप तैयार की गई है।
तीन हेलीपैड भी बनाए गए
इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा एयरफोर्स और इंडियन फोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100ङ्ग30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाए गए हैं। इस निर्माण से इंडियन फोर्स और देश की पश्चिमी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।
इंडो-पाक सीमा के नजदीक पहला च्टच एंड गोज् ऑपरेशन
देश की पहली आपातकालीन हवाई पट्टी पर आज गुरुवार को करीब डेढ़ घंटे तक वायुसेना के बेड़े में शामिल कई लड़ाकू विमान तेज गर्जना के साथ उतरेंगे और उड़ान भी भरेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के सामने इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों का ट्रायल भी किया जाएगा। इस दौरान सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान आपातकालीन हवाई पट्टी पर लैंडिंग करेंगे।
33 मीटर चौड़ी, 3 किमी. लंबी है हवाई पट्टी
बाड़मेर के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाइवे हृ॥-925्र पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी.) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपए लागत आई है। भारत-पाक तारबंदी बॉर्डर से महज 40 किमी. दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है।
हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि फाइटर प्लेन को पार्किंग में रखा जा सके। इसके अलावा 25 गुणा 65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है, जो पूरी तरह से वॉशरूम सुविधायुक्त है। हवाई पट्टी के सहारे से 3.5 किमी. लंबी 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है।
यह है भारतमाला परियोजना
बॉर्डर इलाके में गांधव से साता, बाखासर, गागरिया तक हृ॥-925 और 925्र का निर्माण करवाया गया है। ये हाइवे 2019 में ही पूरा हो गया था। भारत माला प्रोजेक्ट के इन दोनों हाइवे पर करीब 962 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के लिए फाइटर प्लेन की आपातकालीन लैंडिंग के लिए हृ॥्रढ्ढ की ओर से गांधव के पास 3 किमी. लंबी हवाई पट्टी का निर्माण करवाया गया है। भारत-पाक बॉर्डर पर सामरिक व आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से देश की यह महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका निर्माण भारतीय सेना को मजबूत करने व सैन्य सुविधाओं का सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए किया गया है।
यहां है हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्‌टी
जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं। भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। आंध्र प्रदेश में ऐसी दो और पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। इस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26