
जिला प्रशासन व पुलिस पर भारी भूमाफिया, एक ही प्लॉट कई लोगों को बेचें






बीकानेर. शहर के आस-पास की कुछ कॉलोनियां इनदिनों भूमाफियाओं के कब्जे में है। पिछले कई वर्षो से खाली पड़े इन प्लॉटों पर भू माफियाओं की ओर से अवैध रूप से कब्जे किए जा रहे है। इन भूमाफियाओं के हौसलें इतने बुलंद है कि इन कॉलोनियों में एक प्लॉट ही को दो से तीन व्यक्तियों को बेच दिया है। ऐसे में इनके प्लॉट के पहले मालिक व नए खरीददार भी अब उलझन में आ गए है। इन प्लॉट के मालिक व नए खरीददार भी आपस में झगड़ने लगे है। कई लोगों ने इन भूमाफियाओं को प्लॉट की कुछ कीमत भी दे रखी है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि इन भूमाफियाओं ने फर्जी तरीके से कागज बनाकर इन प्लॉटों को बेच दिया है। ऐसे में जब प्लॉट के मालिक अपने प्लॉट को संभालने आए तो उन्हें पता चला कि उनके प्लॉट को भूमाफियाओं ने दूसरे ही लोगों को बेच दिया है। इन प्लॉट के मालिकों ने भूमाफियाओं से संपर्क किया। इन भूमाफियाओं की ओर से पहले वाले मालिकों को लगातार धमकी दी जा रही है। भूमाफियाओं से परेशान होकर कॉलोनी के निवासियों ने जब पुलिस की शरण ली। पुलिस ने भी कागजों में कार्रवाई कर इतिश्री कर ली। अब पुलिस पर भी कई राजनेताओं की तरफ से दबाव डाला जा रहा है कि इन भूमाफियाओं पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएं। लेकिन क ॉलोनी के निवासियों की ओर से जिला कलक्टर व एसपी को ज्ञापन दिया गया और भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने व अपने प्लॉट को मुक्त करवाने की भी मांग कर रहे है। यूआईटी की ओर से पिछले साल ग्राम चकगर्मी में अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों को लेकर कार्रवाई की गई। जिसमें दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों को अवैध माना था, लेकिन इसके बाद भी कई कॉलोनियों में आज भी अवैध रूप से फर्जी कागज बनाकर कॉलोनियां काटी जा रही है। उदाराम ने बताया कि मैंने गणेश कॉलोनी, रंगा कॉलोनी में 2010 में प्लॉट लिया था। उसके बाद बाउंड्री करवाई थी। दो साल तक टाल चलाई, उस समय कोई नहीं आया। पिछले कई सालों से गांव कोटड़ी में रहता हूं। जब अपना प्लॉट देखने व संभालने आया तो पता चला कि मेरा प्लॉट किसी को बेच भी दिया है। पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी और मुकदमा दर्ज करवाया। इस संबंध में जिला कलक्टर व एसपी से भी मिलें और उनसे मांग है कि हमारे प्लॉट को वापिस दिया जाएं। साथ ही भूमाफिया पर उचित से उचित कार्रवाई करें। कुछ भूमाफियाओं ने छह माह पर कागजों में ही कॉलोनी बना ली है।
सूचना के अनुसार कृषि भूमि पर बिना 90 ए व 90 बी से स्वीकृत एवं भू उपयोग परिवर्तन कराए बिना भूखण्ड विक्रय किए जा रहे है, जो अवैध भूखण्डो की श्रेणी में आते है। राजस्व ग्राम चकगर्बी में भूखण्डो पर नगर विकास न्यास की ओर से किसी प्रकार की मोरगेज एनओसी, विक्रय एनओसी, भवन निर्माण स्वीकृति जारी नहीं की जा सकती है तथा किसी भी प्रकार का पट्टा विलेख मास्टर प्लान में निर्धारित भू उपयोग के विपरित जारी नहीं किया जा सकता है तथा न ही किसी वित्तीय संस्था की ओर से ऋ ण स्वीकृत किया जा रहा है। न्यास सचिव की ओर से ग्राम चकगर्बी में अवैध रूप से काटी जा रही 24 क ॉलोनियों ए नगर की भी सूची जारी की गई है।
कर रहे गुमराह
ग्राम चकगर्बी की कॉलोनियों में खातेदार, भूखण्ड विक्रेताओं, मध्यस्थो की ओर से भूखण्ड खरीदारों को नगर विकास न्यास से प्टे बनवाने को लेकर गुमराह कर विक्रय किए जा रहे है। इन कॉलोनियों में राज्य सरकार की टाउनशिप पॉलिसी में निर्धारित सुविधाएं, सामुदायिक भवन, अस्पताल, विद्यालय आदि की दी जाने वाली सुविधाओं के लिए कोई भूमि नहीं छोड़ी जा रही है। न ही किसी सार्वजनिक सुविधा का प्रावधान रखा गया तथा कॉलोनी में पानी, विद्युत, पक्की सड़क, सीवर लाईन आदि की भी सुविधाएं तथा निर्धारित मापदण्ड की सड़क भी नहीं कायम की जा रही है।
इन कॉलोनियों में नहीं खरीदें भूखण्ड
जे बी आवासीय योजना, एकता नगर, महेश नगर, अमन विहार, तुलसी विहार, सुफ ी नगर, रोशन नगर, बापू नगर, बीकाणा नगर, मिल्कमैन, खुशबु नगर, मातेश्वरी नगर, पार्वती नगर, प्रिती एन्क्लेव, बजरंग विहार, गोरख नगर, गायत्री नगर, अपना सिटी, करणी विहार, गणेश विहार, गुडविल, प्रकाश नगर, सुन्दर विहार, सच्चियाय माता नगर है।


