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बीकानेर का स्वास्थ्य विभाग सोया कुंभकरण की नींद, धड़ल्ले से बिक रहा है मिलावटी दूध

बीकानेर का स्वास्थ्य विभाग सोया कुंभकरण की नींद, धड़ल्ले से बिक रहा है मिलावटी दूध
बीकानेर। त्योहारी सीजन आने के दौरान स्वास्थ्य विभाग अपने कुंभकर्णी नींद से उठकर दुकानों में जाकर सैंपल लेता हुआ नजर आता है। लेकिन आम दिनों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी तरह की कोई चेकिंग ही नहीं की जाती। जबकि शहर में धड़ल्ले से मिलावट का खेल चल रहा है। बड़ी दुकानों में विभाग की ओर से जरूर सैंपल लिए जाते हैं लेकिन कुछ छोटी दुकान ऐसी है जहां मिलावट होती है वहां किसी भी तरह की कार्यवाही ही नहीं होती है। इन दिनों बाजार में जगह-जगह पर घेवर की भी दुकान लगी हुई है। बड़ी दुकानों में जहां 500 से 700 रुपए किलो तक रबड़ी घेवर मिल रहा है। वही कुछ दुकान ऐसी है जहां 130 से 150 रुपए प्रति किलो पर ही रबड़ी घेवर उपलब्ध हो रहे हैं। इनके लिए बकायदा बड़े-बड़े बोर्ड भी लगे हुए हैं। सवाल यही उठता है की जब बड़ी दुकानों में इतने महंगे भाव में बिक रहे हैं तो फिर यह इतने कम दामों में आखिर कैसे बेच रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट होकर उनकी भी जांच करनी चाहिए। इतना ही नहीं शहर में कई जगहों पर मिलावटी दूध भी धड़ल्ले से बिक रहा है। कुछ दिन पहले ही उत्तरी राजस्थान सहकारी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, बीकानेर(उरमूल डेयरी)द्वारा दूध का दूध-पानी का पानी-शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की शुरुआत की गई थी। इसमें कई जगह पर शिविर लगाया गया। चौकानें वाली बात तो ये थी की पहले ही दिन इस अभियान में कई सैम्पल फैल हो गए थे। अभियान के तहत पहले दिन जयनारायण व्यास कॉलोनी के सेक्टर नम्बर-05,06,07,08 व आस पास के क्षेत्र में घर घर उरमूल डेयरी द्वारा प्रकाशित पैम्पलेट बांटे गए तथा दूध के सैम्पल चैक करवाने के लिए आग्रह किया गया था। इसके बाद शिविर में 20 सैम्पल टेस्ट किए गए, जिनमें से 15 सैम्पल फैल हुए और 5 सैम्पल पास हुए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करते हुए इसकी जांच करनी चाहिए। क्योंकि शहर में मिठाई की दुकानों में बड़ी संख्या में ढूढ़ से मिठाइयां बनती है। ऐसे में अगर मिलावटी दूध से मिठाइयां तैयार हो रही है तो फिर आमजन की सेहत पर बड़ा असर हो सकता है।

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