हरियाली अमावस्या कल:घर के गमलों में लगा सकते हैं बीमारियों से बचाने वाले ये 9 औषधीय पौधे - Khulasa Online हरियाली अमावस्या कल:घर के गमलों में लगा सकते हैं बीमारियों से बचाने वाले ये 9 औषधीय पौधे - Khulasa Online

हरियाली अमावस्या कल:घर के गमलों में लगा सकते हैं बीमारियों से बचाने वाले ये 9 औषधीय पौधे

8 अगस्त को हरियाली अमावस्या है। इस पर्व पर पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। इस पर्व पर घर के गमलों में औषधीय पौधें भी लगा सकते हैं। जिनका इस्तेमाल कर बीमारियों के संक्रमण से बचा जा सकता है। इम्युनिटी बढ़ाने वाले इन पौधों में गिलोय, तुलसी और अदरक सहित 10 पौधे शामिल हैं। इनका जिक्र न केवल आयुर्वेद में बल्कि कई धर्म ग्रंथों में भी हुआ है। कई बीमारियों के उपचार के लिए बनाई जाने वाली दवाओं में इनका इस्तेमाल किया जाता है।

कौन से पौधे लगाए जा सकते हैं
बीएचयू की आयुर्वेदाचार्य डॉ. पूनम यादव और बनारस के ही आयुर्वेदिक कॉलेज के चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत मिश्र का कहना है कि घर में गिलोय, तुलसी, आंवला, पुदीना, कढ़ी पत्ता, अदरक, पत्थर चट्टा, एलोवेरा, हल्दी, शतावर, लहसुन, मेथी, अजवाइन और तेजपत्ता लगाया जा सकता है। ये औषधियां बीमारियों से लड़ने की ताकत तो बढ़ाती ही है साथ ही इनमें से कुछ रोजमर्रा के मसालों में भी इस्तेमाल की जा सकती है।

इनके फायदे
आंवला:
 इसमें विटामिन सी बहुत ज्यादा होता है। ये आंखों की समस्या को बहुत जल्दी खत्म करता है। आंवले के इस्तेमाल से बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
एलोवेरा: इसमें एमीनोएसिड और कई विटामिन होते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। मधुमेह व पेट संबंधी बीमारियों में इस्तेमाल होता है।
हल्दी: ये एंटीसेप्टिक और एंटीबेक्टिरियल मानी जाती है। दूध के साथ सेवन करने से सर्दी संबंधी रोग, जोड़ों का दर्द खत्म होता है, यह मुंह की दुर्गंध दूर करती है।
पत्थर चट्‌टा: यह किडनी से जुड़े रोगों को दूर करता है। अल्सर व पेट में कीड़े पड़ने जैसी बीमारियों में भी इसके पत्तों का रस पीना लाभकारी है।
अदरक: इसे एंटीबेक्टिरियल गुणों से युक्त माना जाता है। कब्ज व जुकाम दूर करता है। शहद के साथ खाने से खांसी व गले के रोग भी दूर होते हैं।
कढ़ी पत्ता: ये शरीर में विषाक्त पदार्थों को हानि पहुंचाने से रोकता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने की शक्ति होती है।
तुलसी: इसके पत्ते व बीज का सेवन लोग सर्दी, खांसी व बुखार दूर करने के लिए करते हैं। चबाने पर यह सबसे अधिक फायदेमंद होती है।
पुदीना: पुदीने के रस से कब्ज और पेट में गैस बनने संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। इसके पानी से गरारे करने से दांतों और गले के कीटाणु नष्ट होते हैं।
गिलोय: इसे एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में जाना जाता है। इसका इस्तेमाल बुखार, वात-पित्त व कफ दूर करने के लिए किया जाता है।

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